BOOKS : किताबों की पहली खेप आई जुलाई से बंटेगी, बेसिक शिक्षा विभाग के लिए 15 दिनों के भीतर किताबों का छप कर आना एक बड़ी उपलब्धि
राज्य मुख्यालय ’ प्रमुख संवाददाता । सरकारी प्राइमरी स्कूलों में जहां हर वर्ष किताबों की पहली खेप सितम्बर-अक्टूबर तक पहुंच रही थी। वहीं इस वर्ष जुलाई में स्कूल खुलते ही पाठ्य पुस्तकें बंटना शुरू हो जाएंगी। मंगलवार को विभाग में किताबों की पहली खेप आई।जून के पहले हफ्ते में प्रकाशकों के साथ किताबों के लिए अनुबंध किया गया था। बेसिक शिक्षा विभाग के लिए 15 दिनों के भीतर किताबों का छप कर आना एक बड़ी उपलब्धि है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने बताया कि हमारी कोशिश है कि जुलाई में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को किताबें दे पाएं। हालांकि टेण्डर की शर्तों के मुताबिक 90 दिनों के भीतर प्रकाशकों को किताबें पहुंचानी होती है लेकिन विभाग प्रकाशकों पर दबाव बना रहा है कि एक से दो महीने के भीतर सभी बच्चों को किताबें मिल जाएं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग दो करोड़ बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाती हैं।
दरअसल इस वर्ष भी किताबों के टेंडर काफी देर से निकाले गए। इस सत्र में चुनाव के चलते किताबें छपने जाने में देरी हुई तो पिछले वर्ष हाईकोर्ट में मामला होने के चलते किताबें देर से छपने गईं। अमूमन हर वर्ष ही किसी न किसी कारण की वजह से किताबें देर से छपने जाती हैं। चूंकि प्रकाशक तीन महीने का समय लेता है तो नियमानुसार स्कूल खुलने से तीन महीने पहले ही किताबें छपने जाएंगी तभी समय पर बंट पाएंगी लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा होता नहीं है। ज्यादातर सितम्बर-अक्तूबर से पहले किताबें स्कूलों तक नहीं पहुंचती है और अप्रैल में खुले स्कूलों में बच्चे आधा वर्ष पुरानी किताबों से ही पढ़ते हैं।
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