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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

MANTRI, TEACHERS : शिक्षा के क्षेत्र में तय होगी जवाबदेही, केंद्रीय मंत्री ने कहा-बच्चे को क्या आ रहा, अब शिक्षक को बताना होगा - जावड़ेकर

MANTRI, TEACHERS : शिक्षा के क्षेत्र में तय होगी जवाबदेही, केंद्रीय मंत्री ने कहा-बच्चे को क्या आ रहा, अब शिक्षक को बताना होगा - जावड़ेकर

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अगले सत्र से हर स्कूल की कक्षा के सामने यह लिखा होगा कि इस कक्षा के बच्चे को क्या आना चाहिए। जवाबदेही के लिए शिक्षक को लिखकर देना होगा कि अमुक बच्चे को क्या आ रहा है। अभिभावक लिखित रूप से इसे पुष्ट करेंगे। जावड़ेकर सोमवार को गोमतीनगर में सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) की ओर से आयोजित गोष्ठी के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि हर बच्चा खुद में खास है। शिक्षक और अभिभावक का फर्ज है कि वह इसे जानें और उजागर करें। सरकार ने तय कर दिया है कि कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को क्या आना चाहिए, इसके लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्रियों को पत्र लिख चुका हूं। शीघ्र ही बैठक भी करूंगा।

अभिभावक भी जवाबदेह बनें

मंत्री ने कहा कि सब कुछ स्कूल व शिक्षक के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। अभिभावक भी कुछ जवाबदेह बनें। मसलन वह रोज बच्चे से पूछें कि शिक्षक आए थे कि नहीं। आए थे तो क्या पढ़ाए। बच्चे को घर पर तीन घंटे पढ़ने के लिए प्रेरित करें। जान जोखिम में डालकर नकल कराने से तो यह बेहतर है।

उप्र का नकल कारोबार रोकना चुनौती

सबको न सिर्फ शिक्षा, बल्कि अच्छी शिक्षा का हक है। कोई स्कूल अच्छा या खराब नहीं होता, जहां कड़ियां टूट जाती हैं वहीं गड़बड़ी भी आती है। इसी नाते स्कूलों की श्रेणियां बन गईं हैं। हमारे लिए यह चिंता का विषय है। मेरा मानना है कि अगर केंद्रीय एवं नवोदय विद्यालय बेहतर कर सकते हैं तो बाकी सरकारी स्कूल भी। पिछले वर्ष नवोदय विद्यालयों से रिकार्ड बच्चे आइआइटी में चयनित हुए थे। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और महाराष्ट्र ने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। बाकी राज्यों को भी करना होगा। हालांकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जहां नकल कारोबार बन चुका है, वह हमारे लिए चुनौती है, लेकिन सबकी सहभागिता से हम स्थिति सुधारेंगे। जरूरत के अनुसार प्यार और डर दोनों से।

नियमन सत्र व क्लास प्राथमिकता : डा. शर्मा

उप मुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। सत्र नियमन, नकल विहीन परीक्षा और साल में न्यूनतम दो सौ दिन कक्षाएं चलें, सरकार इसे सुनिश्चत कराएगी।1

लखनऊ : मोदी के मंत्री बोले, सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की तय होगी जवाबदेही

ब्यूरो/अमर उजाला, लखनऊ । केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता ठीक नहीं है। अलग-अलग सर्वेक्षणों में यह सामने आया है कि विद्यार्थी अपनी कक्षा की सामान्य किताबें भी नहीं पढ़ पाते। कक्षा 6 के छात्र को कक्षा 4 की भी गणित नहीं आती।

केंद्र सरकार इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए ठोस नीति पर काम कर रही है। इसके लिए हर क्लास का लर्निंग आउटकम फ्रेमवर्क तैयार करवाया जा रहा है। इससे शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए शिक्षकों की जवाबदेही भी तय होगी।

जावेड़कर सोमवार को गोमतीनगर स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में ‘21वीं शताब्दी में शिक्षा का नया मॉडल’ विषय पर अपनी बात रख रहे थे।

उन्होंने कहा कि यूपी की शिक्षा व्यवस्था हमारे लिए चुनौती भी है और चिंता की बात भी। यहां अभिभावक ही बच्चों को परीक्षा में नकल कराते हैं। यह बच्चों की मदद नहीं, बल्कि उनका भविष्य चौपट करने का काम है। अभिभावकों को परीक्षा हॉल में लिखी हुई कॉपियां पहुंचाने के बजाय बच्चों की पढ़ाई में मदद करनी चाहिए।

*हर क्लास के हिसाब से होगा लर्निंग आउटकम*
उन्होंने कहा कि सरकार ने हर क्लास के हिसाब से लर्निंग आउटकम फ्रेमवर्क तैयार किया है जो हर क्लासरूम के भीतर लगा होगा। एडमिशन के वक्त उसे अभिभावकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इससे उन्हें पता रहेगा कि किस क्लास में क्या पढ़ाया जाना है और बच्चों को क्या आना चाहिए। इससे शिक्षकों के साथ अभिभावकों की भी जवाबदेही तय हो सकेगी।

आठवीं तक फेल न होने से नवीं में बढ़ा ड्रॉपआउट रेट

जावडे़कर ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं किया जा सकता। इसके चलते 9वीं कक्षा में ड्रापआउट का रेट तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कुछ स्कूलों के उदाहरण रखते हुए कहा कि हर सरकारी स्कूल न खराब है और न ही हर प्राइवेट स्कूल अच्छा। पिछले साल जवाहर नवोदय विद्यालय के 700 बच्चे आईआईटी में चयनित हुए।

अगर केंद्रीय और नवोदय विद्यालय अच्छे हो सकते हैं तो बाकी सरकारी स्कूलों को भी बेहतर बनाया जा सकता है। सरकारी स्कूलों में सबकुछ ठीक न होने का मतलब यह नहीं है कि सुधार की गुंजाइश खत्म मान ली जाए।

हम सरकारी स्कूलों की बेहतर बनाने के लिए हरसंभव उपाय करेंगे। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल और राज्यमंत्री संदीप सिंह भी मौजूद रहे।

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1 Comments

  1. 📌 MANTRI, TEACHERS : शिक्षा के क्षेत्र में तय होगी जवाबदेही, केंद्रीय मंत्री ने कहा-बच्चे को क्या आ रहा, अब शिक्षक को बताना होगा - जावड़ेकर
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/05/mantri-teachers.html

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