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HIGHCOURT, RETIREMENT : तीन माह में रिटायरमेंट देय दिलाएं मुख्य सचिव, सेवानिवृत्त हो चुके या होने वाले कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत

HIGHCOURT, RETIREMENT : तीन माह में रिटायरमेंट देय दिलाएं मुख्य सचिव, सेवानिवृत्त हो चुके या होने वाले कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत



तीन माह में रिटायरमेंट देय दिलाएं मुख्य सचिव

विधि संवाददाता, लखनऊ : सेवानिवृत्त होने वाले या हो चुके हजारों कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ी राहत दी है। रिटायर होने के बाद अपने देयों के लिए दफ्तर का चक्कर लगाने वाले इन उम्रदराज सरकारी कर्मचारियों की पीड़ा समझते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह सरकारी विभागों में लंबित ऐसे मामलों की रिपोर्ट मंगाकर देखें और उन्हें तीन माह में निस्तारित करने का निर्देश विभागों को दें। देयों की अदायगी में देर करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्देश भी न्यायालय ने मुख्य सचिव को दिया है।

जस्टिस एसएन शुक्ला व जस्टिस एसके सिंह (प्रथम) की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूराम की सेवा मामले की याचिका पर पारित किया। याची लघु सिंचाई व भूजल विभाग से 31 अगस्त 2015 को रिटायर हुआ था, लेकिन डेढ़ साल से अधिक समय बीतने के बाद भी उसके रिटायरमेंट देयों का भुगतान नहीं किया गया है। कोर्ट ने याची के मामले में विभाग के प्रमुख सचिव को दो महीने में निर्णय लेने और भुगतान करने के आदेश दिए हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि सेवा मामलों की सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में रिटायरमेंट के भुगतानों को लेकर मुकदमों के विचाराधीन होने की बात संज्ञान में आई है। न्यायालय ने कहा कि सरकार के समक्ष भी इस तरह के अनुरोध पड़े हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा। कोर्ट ने मुख्य सचिव से प्रत्येक विभाग से इस बारे में रिपोर्ट मंगाने को कहा कि इस तरह के कितने मामले लंबित हैं। साथ ही मुख्य सचिव से विभागों को यह निर्देश देने को कहा कि जिन मामलों में कानूनी बाधा न हो, उन्हें तीन माह में निस्तारित किया जाए।

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विधि संवाददाता, लखनऊ : सेवानिवृत्त होने वाले या हो चुके हजारों कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने गुरुवार को बड़ी राहत दी है। रिटायर होने के बाद अपने देयों के लिए दफ्तर का चक्कर लगाने वाले इन उम्रदराज सरकारी कर्मचारियों की पीड़ा समझते हुए कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह सरकारी विभागों में लंबित ऐसे मामलों की रिपोर्ट मंगाकर देखें और उन्हें तीन माह में निस्तारित करने का निर्देश विभागों को दें। देयों की अदायगी में देर करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्देश भी न्यायालय ने मुख्य सचिव को दिया है।

जस्टिस एसएन शुक्ला व जस्टिस एसके सिंह (प्रथम) की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूराम की सेवा मामले की याचिका पर पारित किया। याची लघु सिंचाई व भूजल विभाग से 31 अगस्त 2015 को रिटायर हुआ था, लेकिन डेढ़ साल से अधिक समय बीतने के बाद भी उसके रिटायरमेंट देयों का भुगतान नहीं किया गया है। कोर्ट ने याची के मामले में विभाग के प्रमुख सचिव को दो महीने में निर्णय लेने और भुगतान करने के आदेश दिए हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि सेवा मामलों की सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में रिटायरमेंट के भुगतानों को लेकर मुकदमों के विचाराधीन होने की बात संज्ञान में आई है। न्यायालय ने कहा कि सरकार के समक्ष भी इस तरह के अनुरोध पड़े हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा। कोर्ट ने मुख्य सचिव से प्रत्येक विभाग से इस बारे में रिपोर्ट मंगाने को कहा कि इस तरह के कितने मामले लंबित हैं। साथ ही मुख्य सचिव से विभागों को यह निर्देश देने को कहा कि जिन मामलों में कानूनी बाधा न हो, उन्हें तीन माह में निस्तारित किया जाए।


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