BOARD, BOOKS : बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के प्रारूप पर मंथन, एकल व शिक्षक विहीन स्कूलों की मांगी सूचना, इस हफ्ते छपने जाएंगी किताबें
लखनऊ। प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में दी जाने वाली निशुल्क पाठ्यपुस्तकें सितम्बर से पहले बच्चों को नहीं मिलने वाली। पाठ्यपुस्तकों का टेण्डर इस हफ्ते खोला जाएगा। तकनीकी बिड में सफल 13 प्रकाशकों की वित्तीय बिड खोलने के बाद किताबें छपने जाएंगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि वित्तीय बिड अभी तक खोली क्यों नहीं गई है, इसका जवाब देने से अधिकारी बच रहे हैं।
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता । यूपी के तकरीबन 1.60 लाख सरकारी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के प्रारूप पर मंथन शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चयन में पारदर्शिता एवं गति लाने के लिए भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन का निर्णय लिया है।इस बोर्ड के गठन के लिए अधिनियम बनाया जा रहा है जिसे विधानसभा से मंजूरी दी जाएगी। बोर्ड का प्रारूप बनाने के लिए सरकार ने चार सदस्यीय समिति गठित की है। समिति को 12 मई तक बेसिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम-2017 का प्रारूप तैयार कर शासन को उपलब्ध कराना है। इस समिति की पहली बैठक पांच मई को हो चुकी है। निदेशक साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा डॉ. अवध नरेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी में अपर निदेशक बेसिक शिक्षा शिविर कार्यालय लखनऊ नीना श्रीवास्तव को सदस्य सचिव व संयोजक बनाया गया है। उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद स्कंद शुक्ला और वरिष्ठ विशेषज्ञ सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय लखनऊ ओम प्रकाश त्रिपाठी समिति के सदस्य हैं।
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