AWARD : शिक्षकों के पुरस्कार में अनियमितता का आरोप, राज्यपाल व मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने भी प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया
जासं, इलाहाबाद : उत्कृष्ट कार्य के जरिए समाज में छात्रों व समाज में छाप छोड़ने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू हुआ राष्ट्रीय/राज्य अध्यापक पुरस्कार अधिकारियों की मनमानी के चलते विवादों में है। पुरस्कार में हिस्सा लेने वाले शिक्षक ने चयन प्रक्रिया में सवाल उठाते हुए स्वयं की पात्रता को सही साबित करने के लिए जांच की चुनौती दी। परंतु जांच की फाइल प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग में दबी है। यही नहीं, राज्यपाल व मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने भी प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया, बावजूद इसके उस दिशा में अभी तक कुछ नहीं हुआ ।
मामला राजकीय इंटर कालेज में प्रवक्ता डॉ. रामधीरज शुक्ल से जुड़ा है। डॉ. रामधीरज ने राष्ट्रीय/राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए 2014 में आवेदन किया। परंतु चयन समिति ने उनका बाहर कर दिया। इसके बाद डॉ. रामधीरज ने चयन समिति को चुनौती देते हुए उसकी जांच कराने की पैरवी शुरू की। इस पर राज्यपाल के कार्यालय से 28 दिसंबर 2015, 22 जुलाई व 26 अगस्त 2016, मानव संसाधन विकास मंत्रलय से 16 जनवरी व 12 अप्रैल 2017 से मामले की जांच के लिए पत्र जारी हुआ।
डॉ. रामधीरज का कहना है कि कई पत्र जारी होने के बावजूद अभी तक जांच नहीं होने से उन्हें मानसिक, शारीरिक व आर्थिक दिक्कत हो रही है। शिक्षक नेता सविता मिश्र व इंद्रदेव पांडेय ने कहा कि अधिकारियों की भ्रष्ट नीति से कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों की उपेक्षा हो रही है। अगर इस मामले में जल्द जांच न शुरू हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
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