ALLAHABAD HIGHCOURT, LEAVE : हाईकोर्ट ने योगी से पूछा, अाखिर क्यों रद्द की सरकारी छुट्टियां, याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा ने की, अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हालही में सरकारी छुट्टियां रद्द करने का फैसला लिया था। उन्होंने फैसला लिया किमहापुरुषों की जयंती पर मिलने वाली सरकारी छुट्टियां अब नहीं मिलेगी। अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। योगी सरकार के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
दरअसल योगी सरकार के इस फैसले की वजह से मुस्लिमों की इद्देमिलाद- बारावफात की सार्वजनिक छुट्टी पर भी कैंची चल गई। सरकार के इस कदम के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिस संबंध में अब अदालत ने योगी सरकार से फैसले से संबंधित अधिसूचना की प्रति तलब की है।
बता दें कि सरकार ने इस आशय की अधिसूचना 25 अप्रैल को जारी की थी। हाईकोर्ट में संबंधित याचिका बरेली के बशीर बेग ने दायर की है। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा ने की। अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
ये था मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महानायकों की जयंती और बलिदान दिवस की कई सरकारी छुट्टियां रद्द कर दी थीं। योगी सरकार ने कुल 15 छुट्टियों को रद्द की थी।
इन 15 छुट्टियों पर चली CM योगी की कैंची
योगी सरकार द्वारा कई महापुरुषों की जयंती या फिर बलिदान दिवस पर छुट्टी रद्द की गई। इनमें जन नायक कर्पूरी ठाकुर जयंती, ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती गरीब नवाज उर्स, जमात-उल-विदा (रमजान का आखिरी शुक्रवार), ईद-ए-मिलादुन्नबी, चौधरी चरण सिंह जयंती, विश्वकर्मा पूजा, महाराजा अग्रसेन जयंती, महर्षि वाल्मीकि जयंती, सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह जयंती, परशुराम जयंती, महाराणा प्रताप जयंती, छठ पूजा आदि शामिल हैं।
बेग के वकील का कहना है कि प्रदेश सरकार को उन छुट्टियों को समाप्त करने का अधिकार नहीं है, जो केंद्र सरकार ने नेगोसिएविल इन्ट्रूमेंट की धारा-25 के तहत अवकाश घोषित कर रखी है। इद्देमिलाद- बारावफात 2 दिसंबर को है और उस दिन केंद्र सरकार ने उक्त कानून के तहत अवकाश घोषित कर रखी है। ऐसे में प्रदेश सरकार को इस अवकाश को खत्म करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
0 Comments