UNIFORM : प्राइमरी स्कूलों में यूनिफार्म का बदलेगा रंग-ढंग भी, प्राइमरी स्कूलों के बच्चे भी अब निजी स्कूलों के बच्चों जैसे स्मार्ट दिखेंगे। उनकी यूनिफार्म का रंग ही नहीं, बल्कि पैटर्न भी बदल सकता
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालय । प्राइमरी स्कूलों के बच्चे भी अब निजी स्कूलों के बच्चों जैसे स्मार्ट दिखेंगे। उनकी यूनिफार्म का रंग ही नहीं, बल्कि पैटर्न भी बदल सकता है। स्कूलों में निशुल्क दी जाने वाली यूनिफार्म केन्द्रीय विद्यालय की तर्ज पर तय करने के लिए विचार किया जा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही प्राइमरी स्कूलों में दी जाने वाली निशुल्क यूनिफार्म के रंग पर आपत्ति जता चुके हैं। उन्होंने कहा है कि खाकी रंग की यूनिफार्म में बच्चे अच्छे नहीं दिखते हैं। लिहाजा अब विभाग रंग के साथ पैटर्न भी बदल सकता है। एक बैठक में केन्द्रीय विद्यालय की चेकदार यूनिफार्म पर सहमति बनी है। वहीं स्कर्ट की जगह ट्यूनिक की जा सकती है। सलवार कुर्ते में भी दुपट्टे की जगह कोटी की जाएगी।
खाकी रंग की यूनिफार्म पूर्ववर्ती सपा सरकार की देन है। वर्ष 2013 से पहले हल्की व गाढ़े नीले रंग की यूनिफार्म दी जाती थी लेकिन सपा सरकार में यह विचार बना कि हल्के रंग की यूनिफार्म जल्दी गंदी हो जाती है लिहाजा गाढ़े रंग की पोशाक दी जाए। तब आर्मी स्कूल की तर्ज पर शर्ट व पैण्ट दोनों का ही रंग खाकी कर दिया गया।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ रहे बच्चों को दो जोड़ी यूनिफार्म निशुल्क दी जाती है। इसमें 65 फीसदी पैसा केन्द्र देता है और बाकी का राज्य सरकार खर्च करती है। रेडीमेड की जगह दर्जी से यूनिफार्म सिलवाने का नियम है। वहीं यूनिफार्म का कपड़ा विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक में नमूना देख कर तय किया जाता है।
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