MAN KI BAAT : शिक्षा का व्यवसायीकरण आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक है, जब विवि स्तर पर लगभग एक सी शिक्षा व्यवस्था है तो फिर निचले स्तर पर भी समानता की पहल होनी चाहिए, प्राथमिक और मिडिल स्तर का यह विरोधाभास भविष्य के.............
🔵 बचपन की अनदेखी
कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों पर कराए गए एक अध्ययन के मुताबिक अगर 74 फीसद बच्चे अपनी किताब भी ठीक से नहीं पढ़ पाते तो यह वाकई चिंताजनक है। इस अध्ययन में यह भी सामने आया है कि नगर निगम अपने स्कूलों में प्रति बच्चा प्रति माह बहुत कम राशि खर्च कर रहा है। इस दिशा में नगर निगम और दिल्ली सरकार में भी काफी अंतर है। नगर निगम जहां प्रति माह प्रति बच्चा सिर्फ 20 से 22 हजार रुपये खर्च कर रहा है वहीं दिल्ली सरकार प्रति माह प्रति बच्चा 62 हजार रुपये से अधिक खर्च कर रही है। यह स्थिति सीधे तौर पर बचपन की अनदेखी कही जाएगी। यदि बच्चे की नींव ही मजबूत नहीं होगी तो भविष्य कैसे बेहतर हो पाएगा।
गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए तो दिल्ली में शिक्षा के कई रूप हो गए हैं। सर्वाधिक चकाचौंध वाला रूप है शिक्षा के व्यवसायीकरण का। निजी स्कूल आज स्कूली शिक्षा को एक अलग ही स्तर पर ले गए हैं। दूसरा रूप है दिल्ली सरकार के स्कूलों का, जहां मॉडल स्कूलों की अवधारणा को लागू कर बेहतरी के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। वहीं तीसरा स्तर है नगर निगम के प्राथमिक स्कूलों का जहां पढऩे वाले बच्चों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय नजर आती है।
शैक्षिक स्तर के इस विरोधाभास को दूर करने के लिए गंभीरता बहुत जरूरी है। एक स्तर के बाद सीबीएसई स्तर पर भी और विश्वविद्यालय स्तर पर भी पाठयक्रम एक समान हो जाता है। मगर प्राथमिक और मिडिल स्तर का यह विरोधाभास भविष्य के लिए एक खाई पैदा कर जाता है। नगर निगम के स्कूल में पढ़ा बच्चा शुरू से ही हीन भावना का शिकार होने लगता है। यह हीन भावना ही आगे चलकर उसके संपूर्ण व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। शिक्षा तो ऐसी होनी चाहिए कि बच्चों का बहुमुखी विकास हो सके। शिक्षा विभाग को चाहिए कि इस विरोधाभास को दूर करने का पुख्ता प्रयास करे। बच्चों को बेहतर शिक्षा और माहौल देने के लिए जो कुछ भी संभव हो, वह व्यवस्था की जाए।
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📌 MAN KI BAAT : शिक्षा का व्यवसायीकरण आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक है, जब विवि स्तर पर लगभग एक सी शिक्षा व्यवस्था है तो फिर निचले स्तर पर भी समानता की पहल होनी चाहिए, प्राथमिक और मिडिल स्तर का यह विरोधाभास भविष्य के.............
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