HIGHCOURT, CORRUPTION : हाईकोर्ट ने लखनऊ के डीआईओएस उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन चलाए जाने के मामले में शिथिलता बरतने पर मुख्य सचिव को आड़े हाथों लिया
विधि संवाददाता, लखनऊ : हाईकोर्ट ने लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन चलाए जाने के मामले में शिथिलता बरतने पर मुख्य सचिव को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को छह मार्च को पारित आदेश के अनुपालन में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उन्हें चेतावनी भी दी कि आदेश का अनुपालन यदि 17 अप्रैल तक नहीं किया गया तो कोर्ट उन्हें समन करने को विवश होगी।
हाईकोर्ट ने छह मार्च के अपने आदेश में मुख्य सचिव को निर्देशित किया था कि वह मुख्यमंत्री से डीआइओएस के खिलाफ अभियोजन चलाए जाने को लेकर निर्देश प्राप्त कर अगली सुनवाई पर अवगत कराएं। इसी क्रम में मंगलवार को नेशनल एसोसिएशन फॉर वेलफेयर ऑफ यूथ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि डीआइओएस उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ चार साल से विजिलेंस जांच लंबित है, जिसे उनको लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पूरा नहीं किया जा रहा है।1याचिका में न्यायालय से इस जांच को तय समय सीमा में ही पूरा करने का आदेश दिए जाने की मांग की गई है। यह भी मांग की गई है कि जांच पूरी होने तक उमेश कुमार त्रिपाठी को पद से हटाया जाए और किसी भी महत्वपूर्ण पद पर तैनाती न दी जाए।
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि विजिलेंस विभाग ने जांच पूरी कर ली है और डीआइओएस के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन चलाए जाने की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कोर्ट को बताया गया था कि यह फाइल मुख्य सचिव के पास है, जिस पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन की आवश्यकता है। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री से निर्देश प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान छह मार्च के इस आदेश के अनुपालन की जानकारी राज्य सरकार की ओर से नहीं दी जा सकी। इस पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय की है।
विधि संवाददाता, लखनऊ : हाईकोर्ट ने लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन चलाए जाने के मामले में शिथिलता बरतने पर मुख्य सचिव को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को छह मार्च को पारित आदेश के अनुपालन में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने उन्हें चेतावनी भी दी कि आदेश का अनुपालन यदि 17 अप्रैल तक नहीं किया गया तो कोर्ट उन्हें समन करने को विवश होगी।
हाईकोर्ट ने छह मार्च के अपने आदेश में मुख्य सचिव को निर्देशित किया था कि वह मुख्यमंत्री से डीआइओएस के खिलाफ अभियोजन चलाए जाने को लेकर निर्देश प्राप्त कर अगली सुनवाई पर अवगत कराएं। इसी क्रम में मंगलवार को नेशनल एसोसिएशन फॉर वेलफेयर ऑफ यूथ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि डीआइओएस उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ चार साल से विजिलेंस जांच लंबित है, जिसे उनको लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पूरा नहीं किया जा रहा है।
याचिका में न्यायालय से इस जांच को तय समय सीमा में ही पूरा करने का आदेश दिए जाने की मांग की गई है। यह भी मांग की गई है कि जांच पूरी होने तक उमेश कुमार त्रिपाठी को पद से हटाया जाए और किसी भी महत्वपूर्ण पद पर तैनाती न दी जाए।
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि विजिलेंस विभाग ने जांच पूरी कर ली है और डीआइओएस के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन चलाए जाने की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। कोर्ट को बताया गया था कि यह फाइल मुख्य सचिव के पास है, जिस पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन की आवश्यकता है। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री से निर्देश प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराने का आदेश दिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान छह मार्च के इस आदेश के अनुपालन की जानकारी राज्य सरकार की ओर से नहीं दी जा सकी। इस पर कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को तय की है। हाईकोर्ट ने कहा, कार्रवाई न हुई तो हाजिर होना पड़ेगा
1 Comments
📌 HIGHCOURT, CORRUPTION : हाईकोर्ट ने लखनऊ के डीआईओएस उमेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन चलाए जाने के मामले में शिथिलता बरतने पर मुख्य सचिव को आड़े हाथों लिया
ReplyDelete👉 http://www.basicshikshanews.com/2017/04/highcourt-corruption.html