EDUCATION DEPARTMENT : शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारियों को अब अनिवार्य रूप से अपनी चल-अचल व बहुमूल्य सम्पत्ति का ब्यौरा अनिवार्य रूप से कराना होगा उपलब्ध
लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग में तैनात अधिकारियों को अब अनिवार्य रूप से अपनी चल-अचल व बहुमूल्य सम्पत्ति का ब्यौरा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा। इनमें संयुक्त शिक्षा निदेशक से लेकर उप शिक्षा निदेशक व जिला विद्यालय निरीक्षक सहित उनके अधीनस्थ सभी अधिकारी शामिल हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इन अधिकारियों को 4 अप्रैल तक का मौका दिया गया है। निदेशक की ओर से भेजे गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि जिन अधिकारियों ने इसकी सूचना नहीं दी, उनकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
शिक्षा महकमे में बहुत से ऐसे अफसर हैं जिनके पास अनगिनत सम्पत्ति हैं। लेकिन अपने को बचाए रखने के लिए कईयों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर भी सम्पत्ति ले रखी है। खुद शासन ने भी माना है कि उत्तर प्रदेश सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) के अधिकांश अधिकारी अपनी चल-अचल एवं बहुमूल्य सम्पत्ति का विवरण शासन को नहीं उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे अफसरों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि जेडी व डीआईओएस स्वयं अपने तथा अपने अधीनस्थ सभी अधिकारियों से प्राप्त विवरण सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर 4 अप्रैल तक इलाहाबाद मुख्यालय एवं पार्क रोड स्थित शिविर कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
परिवार के सदस्यों की भी सम्पत्ति का विवरण देंबीते दिनों शासन ने चल-अचल सम्पत्ति के विवरण मामले में एक प्रारूप तैयार किया है। ऐसी चल-अचल सम्पत्ति संबंधित अधिकारी अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य के पास रही हो या अर्जित की गई हो, उसका विवरण छह अप्रैल या उससे पूर्व उपलब्ध करा दिया जाए। ऐसे विवरण में उन साधनों या उन प्रसाधनों का ब्यौरा भी उपलब्ध कराना होगा जिसके माध्यम से ऐसी सम्पत्ति अर्जित की गई।
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