BED : बीएड में दाखिले के लिए छूट देना काउंसिलिंग प्रक्रिया पर पड़ सकता भारी, समय से परिणाम न आने और 50% से कम अंक आने पर काउंसलिंग में नहीं हो सकेंगे शामिल
लखनऊ । स्नातक व पीजी कक्षाओं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को बीएड में दाखिले के लिए छूट देना काउंसिलिंग प्रक्रिया पर भारी पड़ सकता है। विवि में बीएड 2017-18 का जिम्मा संभाल रहे विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कुलपति को इन स्टूडेंट्स का एडमिशन फंसने की आशंका जताई है। प्रवेश समिति के सदस्यों का कहना है कि यूजी और पीजी में शामिल स्टूडेंट्स को मौका देने से सबसे बड़ी समस्या काउंसिलिंग के समय सामने आएगी। यदि समय से नतीजे नहीं जारी हुए तो इन स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग से बाहर होना पड़ सकता है।
बीएड एडमिशन से जुड़े सदस्यों का कहना है कि राज्य में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो समय से नतीजे जारी नहीं करते। काउंसिलिंग के समय यदि स्टूडेंट्स की मूल अंक पत्र नहीं मिले तो यूजी और पीजी कोर्सेस में शामिल स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग से बाहर कर दिया जाएगा। साथ ही यदि यूजी कोर्स में अंतिम वर्ष की परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत अंक नहीं मिले तो भी वह सीधे काउंसिलिंग से बाहर हो जाएगा।50 फीसदी अंक अनिवार्यएनआईसीटीई के नियम के अनुसार बीएड में आवेदन करने के लिए यूजी कोर्स में 50 प्रतिशत मार्क होना अनिवार्य होता है।
दाखिले से जुड़े लोगों का कहना है कि आगरा विवि, मेरठ विवि, जौनपुर विवि, अवध विवि सहित लविवि में भी पीजी कोर्सेस के नतीजे जुलाई से पहले नहीं आते। जबकि सुप्रीम कोर्ट के नियम के अनुसार बीएड काउंसिलिंग 28 जून तक हर साल में समाप्त करनी होगी।
जल्दबाजी में दिया आदेश
विवि सूत्रों की मानें तो इलाहाबाद हाईकोर्ट में बीसीए के एक छात्र ने यूजी कोर्स के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को भी बीएड कोर्स में एडमिशन का मौका देने के लिए याचिका दायर की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने छात्र के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को यूजी और पीजी कोर्स में अंतिम वर्ष में शामिल स्टूडेंट्स को इसी बार से मौका देने को कहा। जिसके बाद सरकार ने आनन-फानन में इस लागू कर दिया। पर यह नहीं ध्यान दिया गया कि इन स्टूडेंट्स के नतीजे समय से नहीं मिले तो वह काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो सकते हैं। यदि लविवि इन स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए निर्धारित समय सीमा को आगे बढ़ाता है तो, यह सुप्रीम कोर्ट के ओर से जारी गाइडलाइन अनदेखी होगी। ऐसे में बीएड दाखिले की प्रक्रिया पर संकट पैदा हो सकता है।
संख्या बढ़ी तो प्रवेश परीक्षा में समस्या
बीएड-2017 से जुड़े विवि के अधिकारियों का कहना है कि इस बार बीएड की प्रक्रिया पहले ही देर से चल रही है। अभी तक करीब साढ़े तीन लाख आवेदन आ चुके हैं। यूजी और पीजी में शामिल स्टूडेंट्स को मौका देने के लिए आवेदन की प्रक्रिया दस अप्रैल तक बढ़ाई गई है। अधिकारियों का कहना है कि प्रवेश परीक्षा तीन मई को प्रस्तावित है। अभी तक जो आवेदन आए हैं, उसके लिए परीक्षा केंद्रों की सूची लगभग तैयार है। यदि यह संख्या पांच लाख के आसपास होती है तो परीक्षा परीक्षा को किसी तरह से मैनेज किया जा सकता है। लेकिन यह संख्या छह लाख से ऊपर गई तो विवि के लिए बीएड प्रवेश परीक्षा कराना मुश्किल हो सकता है।
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