CHILDREN, SCHOOL : यहां जुबां खामोश रहती है, पर खामोशी ‘बोलती’ है..दिव्यांग अमित कुमार प्राथमिक विद्यालय हरिपुर में कक्षा पांच का छात्र जो मुंह में पेंसिल दबाकर बनाता है चित्र
सौरभ सक्सेना’ संभल : यहां जुबां खामोश रहती है, पर खामोशी बोलती है, इशारों की भाषा में कुछ कहती भी है। यहां भीड़ का शोर कानों तक पहुंचता तो है, पर शोर तो दूर, अपनों की बात सुनने तक को ये कान तरस जाते हैं। यहां आंखें तो हैं, लेकिन उनमें वह रोशनी नहीं है जो इस खूबसूरत दुनिया को देख सके। हर तरफ अंधेरा छाया है, लेकिन दिल में मचलती तमन्नाएं हैं और साथ ही यह हूक भी कि काश..हमें भी इस दुनिया के रंग दिख पाते।
बदायूं रोड स्थित आइटीआइ परिसर में एएलसी (एक्सीलरेटेड लर्निंग कैंप) में ऐसे ही बच्चों की एक अलग दुनिया है, जहां दिल भी है, दिमाग भी, लेकिन ऊपर वाले ने किसी को आंखों से महरूम कर दिया तो किसी की बोलने और सुनने की ताकत छीन ली। मूक-बधिर तथा दृष्टिहीन बच्चों को एएलसी में इस प्रकार पढ़ाया तथा प्रशिक्षित किया जाता है कि वे सामान्य बच्चों के साथ तालमेल बैठा सकें। 120 बच्चों में से 72 श्रवणबाधित व वाणी दोष के तथा 48 दृष्टिबाधित और लो-विजन वाले हैं। एएलसी में पढ़ाई के साथ रहने, खाने के अलावा नि:शुल्क दूध, यूनिफॉर्म, नाइटसूट जूते आदि की व्यवस्था भी रहती है। शिक्षक 10 माह के कैंप में बच्चों को इतना प्रशिक्षित कर देते है कि वे काफी हद तक आत्मनिर्भर बन सकें। शिक्षक अभिभावकों के भी संपर्क में रहकर उन्हें परामर्श देते रहते हैं। जनपद में इस समय कुल 31 इटीनरेंट टीचर्स (विशेष शिक्षक) तैनात हैं।
मुंह में पेंसिल दबाकर चित्र बनाता है अमित : दिव्यांग अमित कुमार प्राथमिक विद्यालय हरिपुर में कक्षा पांच का छात्र है। उसके दोनों हाथ और पैर जन्मजात ही पूर्ण रूप से विकसित नहीं थे, जिसकी वजह से वह दैनिक क्रियाओं तक को पूरा नहीं कर पाता था। असमोली में समेकित शिक्षा के अंतर्गत इटीनरेंट टीचर नरेन्द्र सिंह के सहयोग और प्रशिक्षण से अमित के भीतर धीरे-धीरे ऐसा आत्मविश्वास और कुशलता पैदा हुई कि आज वह मुंह में पेंसिल और ब्रश दबाकर एक से बढ़कर एक सुंदर चित्र बना लेता है।
🌑 एएलसी में दिव्यांग बच्चों को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर
🔴 सामान्य बच्चों से तालमेल बैठाने को प्रशिक्षित कर रहे शिक्षक
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📌 CHILDREN, SCHOOL : यहां जुबां खामोश रहती है, पर खामोशी ‘बोलती’ है..दिव्यांग अमित कुमार प्राथमिक विद्यालय हरिपुर में कक्षा पांच का छात्र जो मुंह में पेंसिल दबाकर बनाता है चित्र
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