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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

SHIKSHAK BHARTI : बिना नियमावली होगी शिक्षक भर्ती, प्राथमिक स्कूलों में 16460 शिक्षकों की नियुक्ति का मामला

SHIKSHAK BHARTI : बिना नियमावली होगी शिक्षक भर्ती, प्राथमिक स्कूलों में 16460 शिक्षकों की नियुक्ति का मामला

प्रदेश में यह भर्तियां फंसी

भर्ती का नाम>>>>संख्या

👉 बीटीसी उर्दू >>9770
👉 बीटीसी व विशिष्ट बीटीसी 10800
👉 उर्दू बीटीसी >>4280
👉 विज्ञान गणित >>29334
👉 बीटीसी, उर्दू बीटीसी >>10000
👉 बीटीसी >> 15000
👉 स्पेशल बीटीसी >>16448

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद । ऐसा पहली बार हो रहा है कि भर्ती का एलान हुआ और शिक्षक बनने को लालायित युवा खामोश हैं। इसकी वजह भी आइने की तरह साफ है, लेकिन ताज्जुब यह है कि युवाओं को जो बात समझ आ रही है, सरकार जानते हुए भी उसे समझने को तैयार नहीं है। दरअसल, बेसिक शिक्षा की अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का संशोधन इसी माह हाईकोर्ट ने रद कर दिया है। ऐसे में नई भर्तियां टीईटी मेरिट या फिर एकेडमिक मेरिट में से किसी के तहत होना संभव नहीं है। अब किस नियमावली के तहत होंगी यह स्पष्ट नहीं है।

बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2011 में कराई गई। सूबे की बसपा सरकार ने उस समय 72825 शिक्षकों की भर्ती करने के लिए अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन किया, ताकि नियुक्तियां टीईटी मेरिट के अनुसार हो जाएं। यह भर्तियां नहीं हो सकीं। 2012 में समाजवादी पार्टी सत्ता में आ गई। सपा ने अध्यापक सेवा नियमावली में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्तियां करने के लिए संशोधन कर दिया।

हालांकि हाईकोर्ट ने टीईटी मेरिट के आधार पर भर्तियां करने का आदेश दिया। इस आदेश के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दायर की है और उसकी सुनवाई चल रही है। सरकार के इस कदम के विरोध में टीईटी मेरिट समर्थकों ने भी याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने इसकी सुनवाई करते हुए बीते एक माह के अंदर सहायक अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का पहले 15वां संशोधन और फिर 16वां संशोधन रद कर दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि इसका अंतिम निर्णय शीर्ष कोर्ट करेगा। इस आदेश से एकेडमिक मेरिट के आधार पर पिछले वर्षो में हुई 99 हजार से अधिक भर्तियों पर तलवार लटकी है।

यह संकट सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग के अफसर रास्ता तलाश रहे हैं। इसी बीच 16460 शिक्षकों की नई भर्तियों ने अफसरों की और परेशानी बढ़ा दी है, क्योंकि नई भर्तियां किस नियम के तहत कराई जाएं यह किसी को सूझ नहीं रहा है। वहीं गुरुवार को जारी शासनादेश में एक हफ्ते में भर्ती का कार्यक्रम जारी करने के निर्देश हुए हैं। ऐसे में बेसिक शिक्षा अफसर अब किस रास्ते आगे बढ़ेंगे अभी तय नहीं है।

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