PROTEST, PENSION : अटेवा के बैनर तले पेंशन मांग रहे शिक्षकों पर लाठीचार्ज, एक की मौत, शक्तिभवन पर पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, हजरतगंज के प्रभारी निरीक्षक लाइन हाजिर, आरक्षी निलंबित, शिक्षक की मौत पर भड़के, अस्पताल के गेट पर किया हंगामा
डेली न्यूज़ नेटवर्कलखनऊ। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर ऑल टीचर इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा)-पेंशन बचाओ मंच के तत्वावधान में अपनी मांगों लेकर विधान सभा घेराव करने जा रहे कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे कुशीनगर के एक शिक्षक सहित आधा दर्जन कार्यकर्ता घायल हो गए। घायलों को सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां शिक्षक डॉ. रामाशीश सिंह की मौत हो गई। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने शिक्षक के सिर पर लाठी चलाई थी, जिससे उनकी मौत हुई।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा-पेंशन बचाओ मंच के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता बुधवार को सुबह से ही लक्ष्मण मेला मैदान में डेरा जमा चुके थे। कार्यकर्ताओं ने दो दिन पहले ही विधान सभा के घेराव की चेतावनी दी थी लेकिन प्रशासन ने इसे हल्के में लिया। नतीजतन, सैकड़ों कार्यकर्ता विधान सभा घेरने के लिए निकल पड़े। इस दौरान उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने शक्ति भवन के पास उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोका लेकिन वह उसे तोड़ते हुए निकल गए। गांधी प्रतिमा पर पुलिस ने उन्हें रोका तो दोनों में कहासुनी हो गई। मंच के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश यादव के मुताबिक कार्यकर्ता गांधी प्रतिमा से वापस लक्ष्मण मेला मैदान के लिए वापस ला रहे थे, बाजवूद इसके पुलिस ने शक्ति भवन के पास उन पर लाठी चला दी। जिससे दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गए। इस दौरान वहां भगदड़ मच गई। लालबत्ती गाड़ी तोड़ीलाठी चलने के बाद कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। उन्होंने सड़क पर आ रही एक लाल बत्ती गाड़ी में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान गाड़ी के अंदर बैठे लोगों ने भाग कर खुद को बचाया। अटेवा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन व पुलिस के लाठीचार्ज से यातायात व्यवस्था की चौपट हो गई। इस दौरान राजभवन से हजरतगंज व अशोक मार्ग की ओर लंबा जाम लग गया। इस दौरान एक एम्बुलेंस भी जाम में फंसी दिखी।
नहीं उठाए ठोस कदम : अटेवा-पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के मुताबिक एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त 10 लाख शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों की पुरानी पेंशन को समाप्त कर दिया गया। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है। बीते 20 नवंबर को मुख्यमंत्री ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
अटेवा ग्रुप द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन के दौरान परिस्थितियों का सही आकलन न कर पाने के कारण हजरतगंज के प्रभारी निरीक्षक राजकुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया व हजरतगंज में नियुक्त आरक्षी अभिषेक प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर पारा धीरेंद्र कुमार उपाध्याय को हजरतगंज का प्रभारी निरीक्षक बनाया गया है। साथ ही संपूर्ण प्रकरण की जांच अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) को सौंपी गई है।
विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठी चलाई, जिससे श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज कुशीनगर के अंग्रेजी के शिक्षक रामाशीश सिंह के सिर पर लाठी पड़ गई और वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े। मीडिया प्रभारी राजेश यादव का कहना है कि शिक्षक रामाशीश सिंह, ओम सिंह, प्रदीप कुमार सैनी सहित अन्य घायलों को सिविल अस्पताल ले कर गए। जहां रामाशीश सिंह की मौत हो गई। राजेश का आरोप है कि शांतिपूर्व ढंग से प्रदर्शन करने के बाद भी पुलिस शिक्षक के सिर पर लाठीचार्ज कर दिया, जिससे उनकी मौत हुई है। इसलिए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। शिक्षक की मौत की खबर मिलते ही सैकड़ों कार्यकर्ता सिविल अस्पताल पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
आधा घंटा ठप्प रहीं सिविल की ईमेंजेंसी सेवाएं : शिक्षकों के हंगामे की वजह से सिविल अस्पताल की ईमेंजेंसी सेवाएं करीब आधा घंटा ठप रही। इस दौरान अन्य मरीजों और तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हंगामे की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह व एसएसपी मंजिल सैनी मौके पर पहुंचीं और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने का प्रयास किया। लेकिन कार्यकर्ता मृतक के परिजनों को मुआवजा देने तथा दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। दौरान एसएसपी ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि अन्य मरीजों को दिक्कत हो रही है, इसलिए शांत हो जाएं। जिसके बाद शिक्षक गेट से हटे।
जागरण संवाददाता, लखनऊ : पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे शिक्षकों व कर्मचारियों पर पुलिस ने दो बार लाठियां भांजी। पहले गांधी प्रतिमा स्थल और दूसरी बार श्री राम टावर के सामने। दूसरी बार लाठीचार्ज होने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव से लाल व नीली बत्ती लगी दो गाड़ियां (यूपी 32 एफएन 4308 व यूपी 32 बीजे 2101) के कांच टूट गए।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत ऑल इंडिया टीचर एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी धरना देने के लिए लक्ष्मण मेला स्थल पर जुटे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर उपेक्षा का आरोप लगाया। दोपहर करीब 2:30 बजे अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने विधान भवन की ओर कूच किया। नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी धरना स्थल से आगे बढ़े। हालांकि, पुलिस ने पहले से ही सड़क पर बेरिकेडिंग कर रखी थी। पर संख्या बल अधिक होने से प्रदर्शनकारी बेरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ गए। सिकंदरबाग चौराहा होते हुए प्रदर्शनकारी दोपहर करीब 3:15 बजे शक्ति भवन के पास पहुंचे, पुलिस ने एक बार फिर उनको रोकने का प्रयास किया। बात नहीं बनी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। भीड़ तितर बितर हो गई। धरना स्थल वापस लौटते समय गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने जवाहर भवन के पास पथराव करना शुरू कर दिया। इससे अशोक मार्ग पर अफरातफरी का माहौल बन गया। हालांकि, थोड़ी देर बाद जब उनका गुस्सा शांत हुआ तो वह वापस लक्ष्मण मेला स्थल की ओर बढ़ने लगे। धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर एकत्र हो गए। वहीं, इससे पहले चारबाग से लक्ष्मण मेला स्थल की ओर जा रही प्रदर्शनकारी की एक टुकड़ी विधान भवन के सामने एकत्र होकर नारेबाजी करने लगी। पुलिस ने उनको लक्ष्मण मेला स्थल भेजने का प्रयास किया, लेकिन जब बात नहीं बनी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर उनको खदेड़ दिया। उप्र सोशल आडिट महासंघ के आह्वान पर गांधी प्रतिमा स्थल पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में करीब आधा दर्जन सोशल ऑडिटर को हल्की चोटें भी आईं।
लिखित आदेश के बाद समाप्त होगा संघर्ष
मृतक के परिजन को एक करोड़ मुआवजे के साथ सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सिविल अस्पताल में डेरा डाल रखा है। प्रदेश मीडिया प्रभारी राजेश यादव ने कहा कि जब तक मृतक के परिजनों को इंसाफ नहीं मिलेगा। प्रदर्शनकारी अस्पताल में ही धरने पर बैठे रहेंगे। उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ पुरानी पेंशन बहाली का लिखित आदेश मिलने तक संघर्ष जारी रखने का एलान किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने हमारी मांगें पूरी नहीं की तो प्रदेशव्यापी आंदोलन होगा।
नशे में होने का लगाया आरोप
लखनऊ के एक स्कूल में अध्यापक अनुराग सिंह राठौर सहित अन्य प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि श्रीराम टावर के पास हम लोग शांति पूर्वक तरीके से लक्ष्मण मेला स्थल लौट रहे थे। इस बीच कुछ पुलिस कर्मियों ने अचानक लाठीचार्ज कर दी। पुलिस कर्मी पीछे से सिर पर लाठियां चला रहे थे। वह नशे में थे। पीछे से अचानक सिर पर लाठी पड़ने से ही राम आशीष सिंह वशिष्ठ सहित एक दर्जन लोग बुरी तरह जख्मी हो गए। लाठीचार्ज के बाद घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं थी। घायलों को टैंपों से सिविल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉ. ने राम आशीष को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने दी तहरीर, रात में ही पोस्टमार्टम
मृतक राम आशीष सिंह के साले नितिन ने सीओ हजरतगंज को इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह, दारोगा दिनेश चंद्र पांडेय, सिपाही अभिषेक व अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ तहरीर दी है। वहीं परिजनों की मांग पर डीएम ने फारेंसिक टीम व डॉक्टरों के पैनल की मौजूदगी में रात में ही आशीष के पोस्टमार्टम व उसकी वीडियोग्राफी का आदेश दिया।
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📌 PROTEST, PENSION : अटेवा के बैनर तले पेंशन मांग रहे शिक्षकों पर लाठीचार्ज, एक की मौत, शक्तिभवन पर पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, हजरतगंज के प्रभारी निरीक्षक लाइन हाजिर, आरक्षी निलंबित, शिक्षक की मौत पर भड़के, अस्पताल के गेट पर किया हंगामा
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