CASHLESS TREATMENT : कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज का शासनादेश जारी, एनआईसी के जरिए ही हेल्थ कार्ड निजी कंपनी से बनवाए जाएंगे, हेल्थ कार्ड पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों और उनके आश्रित परिवारीजनों का सारा ब्योरा दर्ज किया जाएगा।
लखनऊ। प्रदेश शासन ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को असाध्य बीमारियों के लिए कैशलेस इलाज कराने के लिए शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश में सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी. हेकली झिमोमी ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को निर्देश दिए हैं कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को असाध्य एवं आपातकालीन बीमारियों में सीजीएचएस की तरह राज्य सरकार द्वारा अनुबंधित निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा की मंजूरी दे दी गई है। यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हेल्थ कार्ड डाटाबेस के संबंध में तकनीकी निदेशक एनआईसी लखनऊ द्वारा 27 अक्तूबर 2016 के अनुसार तत्काल कार्रवाई की जाए। एनआईसी सारी सुविधा मुफ्त उपलब्ध कराएगी।
एनआईसी कैशलेस इलाज सुविधा पोर्टल विकसित करेगी। यूपी के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य इसके लिए हार्डवेयर, सोफ्टवेयर, लाइववेयर व संबंधित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। एनआईसी के जरिए ही हेल्थ कार्ड निजी कंपनी से बनवाए जाएंगे। हेल्थ कार्ड पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों और उनके आश्रित परिवारीजनों का सारा ब्योरा दर्ज किया जाएगा।
शासनादेश जारी करने के लिए कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वीपी मिश्रा, राज्य कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महामंत्री अतुल मिश्रा, जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय और महामंत्री सुशील बच्चा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुख्य सचिव राहुल भटनागर और प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण सिन्हा का आभार जताया है। हाल ही में ये कर्मचारी नेता मुख्यमंत्री से मिले थे, तब उन्होंने कैशलेस इलाज की सुविधा जल्द दिलाए जाने का आश्वासन दिया था।
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📌 CASHLESS TREATMENT : कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस इलाज का शासनादेश जारी, एनआईसी के जरिए ही हेल्थ कार्ड निजी कंपनी से बनवाए जाएंगे, हेल्थ कार्ड पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों और उनके आश्रित परिवारीजनों का सारा ब्योरा दर्ज किया जाएगा।
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