RETIRED, BIOMETRIC SYSTEM : पेंशनरों को राहत देगी बायोमीटिक प्रणाली, जीवित होने का प्रमाण देने के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर, अगले सप्ताह लखनऊ से होगी शुरुआत
जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। हर वर्ष जिंदा रहने के प्रमाण पत्र के लिए अब उन्हें कोषागार के चक्कर नहीं लगाने होंगे। प्रमाण पत्र के लिए कार्यालय में दुश्वारियां ङोल रहे बुजुगरे की परेशानी दूर करने के लिए अब ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की जाएगी। नई व्यवस्था अगले सप्ताह लागू हो जाएगी। राजधानी लखनऊ में सफल परीक्षण के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू कर दिया जाएगा।
पेंशनरों को अब तकनीक से जोड़कर जिंदा होने का प्रमाण पत्र ऑनलाइन लिया जाएगा। नई व्यवस्था का परीक्षण पूरा हो गया है। नई व्यवस्था के तहत पेंशनरों को ऑनलाइन बायोमीटिक प्रणाली से जीवित होने का प्रमाण पत्र घर बैठे देने की सुविधा होगी। जवाहर भवन कोषागार के मुख्य कोषागार अधिकारी मो.जमा ने बताया कि नई तकनीक के लिए वेबसाइट की लांचिंग अगले सप्ताह हो जाएगी। इसके माध्यम सेआधारकार्ड धारक पेंशनर कहीं से भी थम इंप्रेशन के माध्यम से जीवित होने का प्रमाण पत्र दे सकेंगे। इसकी सुविधा के लिए पेंशनर अपना आधार कार्ड पेंशन जाने वाली बैंक में अवश्य करा लें।
पुरानी व्यवस्था जारी रहेगी : नई व्यवस्था के बावजूद सुविधा के लिए पुरानी व्यवस्था जारी रहेगी। दिसंबर तक पेंशनर कोषागार आकर जिंदा होने का प्रमाण पत्र दे सकते हैं। 15 सितंबर से प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया चल रही है। राजधानी में करीब 90 हजार पेंशनर हैं जिसमे अकेले जवाहर भवन कोषागार से 35 हजार बुजुर्गो को पेंशन का भुगतान किया जाता है।
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📌 RETIRED, BIOMETRIC SYSTEM : पेंशनरों को राहत देगी बायोमीटिक प्रणाली, जीवित होने का प्रमाण देने के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर, अगले सप्ताह लखनऊ से होगी शुरुआत
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