CASUAL LEAVE : आकस्मिक अवकाश के सम्बन्ध में आवश्यक नियम एवं शासनादेश, एक समय में 10 दिन से अधिक का आकस्मिक अवकाश विशेष परिस्थितियों में ही
(II) मैनुअल आफ गवर्नमेंट आर्डर, उत्तर प्रदेश के अध्याय 142 के अधीन अवकाश
आकस्मिक अवकाश, विशेष अवकाश तथा प्रतिकर अवकाश
वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-दो (भाग 2 से 4) के सहायक नियम 201 के अनुसार आकस्मिक अवकाश को अवकाश की मान्यता नही है और न यह किसी नियम के अधीन है। आकस्मिक अवकाश पर सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से अनुपस्थित नहीं माना जाता और वेतन देय होता है।
मैनुअल आफ गवर्नमेंट आर्डर, उत्तर प्रदेश के अध्याय 142 में आकस्मिक अवकाश, विशेष अवकाश और प्रतिकर अवकाश से संबंधित नियम दिये गये हैं।
🔴 प्रस्तर 1081 - आकस्मिक अवकाश के दौरान कार्य का उत्तरदायित्व
👉 आकस्मिक अवकाश को मूल नियम के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त नहीं है। इसलिए आकस्मिक अवकाश की अवधि में सरकारी सेवक सभी प्रयोजनों के लिए ड्यूटी पर माना जाता है ।
👉 आकस्मिक अवकाश के दौरान किसी प्रतिस्थानी की तैनाती नहीं की जायेगी।
👉 यदि कार्यालय के कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान होता है तो आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने वाला अधिकारी तथा लेने वाला कर्मचारी इसके लिए उत्तरदायी होगा।
👉 प्रस्तर 1082-आकस्मिक अवकाश की सीमा
एक कैलेण्डर वर्ष में सामान्यतया 14 दिन का आकस्मिक अवकाश दिया जा सकता है।
👉 एक समय में 10 दिन से अधिक का आकस्मिक अवकाश विशेष परिस्थितियों में ही दिया जाना चाहिए।
👉 आकस्मिक अवकाश के साथ रविवार एवं अन्य छुट्टियों को सम्बद्ध किये जाने की स्वीकृति दी जा सकती है।
👉 रविवार, छुट्टियों एवं अन्य अकारी दिवस यदि आकस्मिक अवकाश के बीच में पड़ते हैं तो उन्हें जोड़ा नहीं जायेगा।
🔴 विशेष आकस्मिक अवकाश
विशेष परिस्थितियों में कुछ दिन का विशेष अवकाश दिया जा सकता है। परन्तु इस अधिकार का प्रयोग बहुत कम और केवल उसी दशा में किया जाना चाहिए जबकि ऐसा करने के लिए पर्याप्त औचित्य हो।
शासनादेश सं0: 1094/बी-181/1957, दिनांक: 21 जुलाई, 1962
1- लिपिक वर्गीय कार्मिकों के अतिरिक्त अन्य को दिए गए विशेष अवकाशों की सूचना सकारण प्रशासकीय विभाग को भेजनी होगी।
2- शा0सं0 बी-820/दो-बी-ज 55, दिनांक 27-12-1955 तथा एम0जी0ओ0 का पैरा 882 व 1087 - राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय खेलकूद में भाग लेने के लिए चयनित खिलाड़ियों को 30 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जा सकता है।
3- मान्यता प्राप्त सेवा संघों/परिसंघों के अध्यक्ष एवं सचिव को एक कैलेण्डर वर्ष में अधिकतम 07 दिन का तथा कार्यकारिणी के सदस्यों का अधिकतम 04 दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश देय होगा। कार्यकारिणी के उन्हीं सदस्यों को यह सुविधा अनुमन्य होगी जो बैठक के स्थान से बाहर से आये।
(शा0सं0-1694/का-1/83, दिनांक 5-7-83
तथा 1847/का-4-ई-एक-81-83, दिनांक 4-10-83)
प्रस्तर 1083 - आकस्मिक अवकाश पर मुख्यालय छोड़ने की पूर्व अनुमति
आकस्मिक अवकाश लेकर मुख्यालय छोड़ने की दशा में सक्षम अधिकारी की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है।
अवकाश अवधि में पता भी सूचित किया जाना चाहिए।
प्रस्तर 1084 - समुचित कारण
आकस्मिक अवकाश समुचित कारण के आधार पर ही स्वीकृत किया जाना चाहिए।
सरकारी दौरे पर रहने की दशा में आकस्मिक अवकाश लेने पर उस दिन का दैनिक भत्ता अनुमन्य नहीं है।
प्रस्तर 1085 - सक्षम अधिकारी
आकस्मिक अवकाश केवल उन्हीं अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किया जा सकता है जिन्हें शासनादेशों के द्वारा समय-समय पर अधिकृत किया गया है। किसी भी प्रकार का संशय होने पर अपने प्रशासनिक विभाग को सन्दर्भ भेजा जाना चाहिये।
प्रस्तर 1086 - आकस्मिक अवकाश रजिस्टर
आकस्मिक अवकाश स्वीकृत करने वाले सक्षम अधिकारी द्वारा आकस्मिक अवकाश तथा निर्बन्धित अवकाश का लेखा निम्न प्रारूप पर अनिवार्य रूप से रखा जायेगा। इस रजिस्टर का परीक्षण निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किया जायेगा।
कर्मचारी का नाम
स्वीकृत किया गया आकस्मिक अवकाश
निर्बन्ध अवकाश
पदनाम 14 13 12 11 ..............................
2
प्रस्तर 1087 - विशेष आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति
निम्नलिखित मामलों में सरकारी सेवकों को विशेष आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किये जाने की व्यवस्था की गयी है:-
1- विश्वविद्यालय सीनेट के सदस्य
- यात्रा समय सहित बैठक की अवधि तक के लिये
2- परिवार नियोजन, नसबन्दी (पुरूष)
- 6 कार्य दिवस
3- नसबन्दी (महिला) - 14 कार्य दिवस
4- वैज्ञानिकों, अधिकारियों को किसी वर्कशाप/ सेमिनार में शोध पत्र पढ़ने हेतु
- यात्रा समय सहित वर्कशाप की अवधि
प्रस्तर 1088 - भारतवर्ष से बाहर जाने के लिए अवकाश
भारतवर्ष से बाहर जाने के लिये आवेदित किये गये अवकाश (आकस्मिक अवकाश सहित) की स्वीकृति सक्षम अधिकारी द्वारा शासन की पूर्वानुमति के नहीं दी जायेगी।
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📌 CASUAL LEAVE : आकस्मिक अवकाश के सम्बन्ध में आवश्यक नियम एवं शासनादेश, एक समय में 10 दिन से अधिक का आकस्मिक अवकाश विशेष परिस्थितियों में ही
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