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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

URDU TEACHER : चुनावी वेला में उर्दू में डिग्री रखने वालों को शिक्षक बनने का एक मौका और, 4 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती होगी जल्द - मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

URDU TEACHER : चुनावी वेला में उर्दू में डिग्री रखने वालों को शिक्षक बनने का एक मौका और, 4 हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती होगी जल्द - मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
   
लखनऊ । चुनावी वेला में उर्दू में डिग्री रखने वालों को शिक्षक बनने का एक मौका और मिलेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 4000 उर्दू शिक्षक भर्ती करने की घोषणा की है।

राजधानी के मुमताज डिग्री कॉलेज में रविवार को हुए शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उर्दू शिक्षकों को सपा सरकार ने बहुत मौके दिए हैं। इससे पहले भी सरकार भर्ती कर चुकी है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में राज्य सरकार इससे पहले भी लगभग 8 हजार शिक्षक भर्ती कर चुकी है।

यह तीसरी बार होगा जब सरकार भर्ती शुरू करेगी। इससे पहले 2013 में सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भाषा शिक्षकों के कोटे में उर्दू के 4280 सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती शुरू की थी। उस समय 1939 पद खाली रह गए थे। वहीं जनवरी, 2016 में भी 3500 उर्दू शिक्षकों के पद पर भर्ती की। इसके बाद मई-जून में 4280 पदों में से बचे हुए 1939 पदों पर काउंसिलिंग कर सारे पद भरने की प्रक्रिया शुरू की गई।

इन सारी भर्तियों में उर्दू शिक्षकों को मौका देने के लिए रियायतें दी गईं। इनमें 11 अगस्त, 1997 तक के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को मौका दिया गया। लिहाजा उम्र में भी काफी रियायत दी गई। अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष से कम तय की गई। इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग पास अभ्यर्थियों और दो वर्ष का बीटीसी कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 50 वर्ष रखी गई।

4,000 उर्दू टीचर होंगे भर्ती

मुमताज कॉलेज में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने टीचरों को सम्मानित भी किया। डॉ. शक्तिधर (मरणोपरान्त), डॉ. सुप्रभा वी.सहाय (मरणोपरान्त), डॉ संग्राम सिंह चौहान, डॉ. जेएन शुक्ला, डॉ. लल्लू राम मिश्र, डॉ. रीना सिंह, डॉ. हसीन जहां, डॉ. प्रियलता सिन्हा, डॉ. अरुणा राजवंशी, डॉ. एस.पी त्रिपाठी, इशरत मुर्तुजा सिद्दीकी, डॉ. अहमद अब्बास, डॉ. अयोध्या सरन त्रिपाठी, डॉ.ए.पी सिंह, डॉ. नरेन्द्र मणि त्रिपाठी और डॉ. एल.के अस्थाना को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने लुआक्टा की स्मारिका और किताब ‘हिन्दी और भारतीय मुस्लिम साहित्यकार’ का विमोचन किया। इस दौरान कौशल विकास राज्यमंत्री अभिषेक मिश्रा ने कहा कि शिक्षक दीर्घकालिक बदलाव की ताकत रखते हैं। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार शारदा प्रताप शुक्ला ने कहा कि सरकार शिक्षकों की मांगों का जल्द समाधान करेगी। इस दौरान मुमताज पीजी कॉलेज के प्रबंधक और अपर महाधिवक्ता जफरयाब जिलानी, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की अध्यक्ष प्रो. नंदिता नारायण,लुआक्टा के अध्यक्ष मनोज पांडेय, मुमताज पीजी कॉलेज के अध्यक्ष चौधरी शरफुद्दीन, लुआक्टा के महामंत्री डॉ. अंशु केडिया भी मौजूद थे।

•एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
प्रदेश सरकार चुनावों से पहले उर्दू शिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी कर रही है। रविवार को लुआक्टा के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जल्द ही 4,000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती निकाली जाएगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा, उर्दू टीचरों की भर्ती पिछले 14 साल से रुकी थी हमने ही हाल में 2,000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती की थी। मुमताज कॉलेज में आयोजित लखनऊ यूनिवर्सिटी एडेड कॉलेज टीचर्स असोसिएशन (लुआक्टा) के कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि सरकार हर चीज का रास्ता निकाल रही है। जो भी अनसुलझे मुद‌्दे हैं, उनका भी रास्ता निकाला जाएगा। 

शिक्षकों की मांगों का निकालेंगे हल

‘उच्च शिक्षा: मुद्दे, चुनौतियां, सम्भावनाएं एवं रणनीति’ के सेमिनार में सीएम ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया कि उनकी जो भी मांगें हैं, उनका हल निकाला जाएगा। सपा सरकार रास्ता निकालने में यकीन रखती है। सरकार की कोशिशों से ही पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती और प्रोन्नति हुई। पुलिस भर्ती की प्रक्रिया आसान कर दी गई, क्योंकि भर्ती के लिए कठिन परीक्षा से अधिक बेहतर ट्रेªनिंग की जरूरत है। पीसीएस और पीपीएस अफसरों को भी बड़े पैमाने पर प्रमोशन दिया गया। आलिम और मोअल्लिम की डिग्री धारकों की भर्ती की भी अनुमति दी गई। शिक्षामित्रों के समायोजन का रास्ता भी निकाला गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षकों की रिटायरमेंट एज 65 साल किए जाने की मांग का सरकार जल्द समाधान निकालेगी। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए बिना भेदभाव काम किया है। हज हाउस का निर्माण कराया तो फैजाबाद और चित्रकूट में भजन स्थल भी बनवाए गए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कॉम्पिटिशन के दौर में सफल होने के लिए शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। देश में अब भी विश्वस्तरीय उच्च शिक्षा संस्थान नहीं हैं। बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक की शिक्षा पर ध्यान देना होगा। 

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