ONLINE : अगले साल से 'ऑनलाइन संदूक' में जमा होंगे सभी डिग्री-डिप्लोमा, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय एकेडमिक डिपॉजिटरी के सम्मेलन में सभी संबंधित संस्थानों और अधिकारियों से कहा कि वर्ष 2017 में इसे लागू करने के लिए वे पूरी तरह कमर कस लें।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : नकली या फर्जी शैक्षणिक सर्टिफिकेट के मामले जल्द ही पूरी तरह समाप्त हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (एनएडी) सेवा अगले साल से ही शुरू करने की तैयारी कर ली है। योजना लागू होने के बाद संबंधित शिक्षण संस्थान छात्रों के सर्टिफिकेट डिपॉजिटरी में सुरक्षित कर देंगे। जहां से छात्र तो इन्हें हासिल कर ही सकेंगे, नियोक्ता और दूसरे शिक्षण संस्थान भी यहीं से सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता की जांच कर सकेंगे।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय एकेडमिक डिपॉजिटरी के सम्मेलन में सभी संबंधित संस्थानों और अधिकारियों से कहा कि वर्ष 2017 में इसे लागू करने के लिए वे पूरी तरह कमर कस लें। उन्होंने कहा, देश में लंबे समय से सेक्यूरिटी डिपॉजिटरी निवेशकों के वित्तीय लेन-देन को पूरी तरह सुरक्षित तरीके से संचालित कर रहे हैं। अब शैक्षणिक सर्टिफिकेट को भी डिजिटल डिपॉजिटरी में रखने की व्यवस्था शुरू करने का अनुकूल समय आ गया है।
पहले चरण में आइआइएम, आइआइटी जैसे केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों से लेकर केंद्रीय विश्वविद्यालय और सीबीएसई सहित सभी केंद्रीय बोर्ड इसमें शामिल होंगे। दूसरे चरण में राज्यों को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
डिग्री खोने का नहीं रहेगा डर
योजना लागू होने के बाद छात्रों को ना तो अपनी डिग्री, डिप्लोमा आदि के लिए लंबा इंतजार करना होगा और ना ही उसके खोने का डर रहेगा। एक बार इसमें शामिल किए गए कागजात हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाएंगे। छात्र का एक ही ऑनलाइन खाता होगा और भविष्य के सभी शैक्षणिक कागजात उसी खाते में जमा होते रहेंगे। इस तरह किसी भी व्यक्ति को अपने पूरे करियर के सभी सर्टिफिकेट और महत्वपूर्ण शैक्षणिक कागजात एक साथ एक ही जगह पर मिल जाएंगे।
कागजात की जांच होगी आसान
नौकरी देने वाले संस्थान या आगे की शिक्षा से संबंधित संस्थान व्यक्ति के कागजात की जांच भी आसानी से और तुरंत कर सकेंगे। अभी इस काम में कई संस्थानों को महीनों का वक्त लग जाता है तो कई मामलों में तो यह मुमकिन ही नहीं हो पाता। छात्रों की निजता का ध्यान रखते हुए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि नियोक्ता या कोई अन्य शैक्षणिक संस्थान किसी भी कागजात को संबंधित छात्र की सहमति से ही देख या जांच सके।
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क्या-क्या सुरक्षित
डिग्री
डिप्लोमा
मार्कशीट
सर्टिफिकेट
प्रोविजनल सर्टिफिकेट
माइग्रेशन सर्टिफिकेट
स्किल सर्टिफिकेट
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क्या फायदे
-शैक्षणिक संस्थानों के लिए जारी करना आसान
-छात्रों के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और सभी सर्टिफिकेट एक जगह
-नियोक्ताओं के लिए जांच करना आसान
-शैक्षणिक संस्थानों के लिए शुल्क हासिल करना आसान
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