logo

Basic Siksha News.com
बेसिक शिक्षा न्यूज़ डॉट कॉम

एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

ALLAHABAD HIGHCOURT : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव और स्थानीय निकाय सचिव से पूछा है कि सूबे में अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने के लिए सरकार ने क्या किया? राज्य में कितने स्कूल बनाए गए और कितने अध्यापकों की नियुक्ति की गइ? क्या प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में सरकार ने प्राथमिक स्कूल बनाए हैं? मामले पर अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

ALLAHABAD HIGHCOURT : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव और स्थानीय निकाय सचिव से पूछा है कि सूबे में अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने के लिए सरकार ने क्या किया? राज्य में कितने स्कूल बनाए गए और कितने अध्यापकों की नियुक्ति की गइ? क्या प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में सरकार ने प्राथमिक स्कूल बनाए हैं? मामले पर अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
   
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव और स्थानीय निकाय सचिव से पूछा है कि सूबे में अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने के लिए सरकार ने क्या किया? राज्य में कितने स्कूल बनाए गए और कितने अध्यापकों की नियुक्ति की गइ? क्या प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में सरकार ने प्राथमिक स्कूल बनाए हैं?

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन एवं न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने एटा के माया प्रकाश चौहान की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने सरकार से यह बताने को कहा कि सरकारी व मान्यता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में अनिवार्य शिक्षा कानून के प्रावधान लागू किए गए हैं या नहीं। यदि नहीं लागू किए गए तो बच्चों को शिक्षा दे रहे गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ किस नियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।

याचिका के अनुसार एटा के बीएसए ने अनिवार्य शिक्षा कानून के प्रावधान का पालन न करने के कारण प्राइवेट स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। याची का कहना है कि एटा जिले में गैर मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। जबकि ये स्कूल ही अनिवार्य शिक्षा देने की सरकार की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। कोर्ट ने इस पर एटा के बीएसए से जानकारी मांगी थी।

स्थायी अधिवक्ता सोमनारायण मिश्र ने कोर्ट को बताया मानक के विपरीत मान्यता बगैर चल रहे स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही के नियम के तहत बीएसए ने आदेश दिया है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि नर्सरी से कक्षा तीन तक पढ़ाने वाले स्कूलों की मान्यता कौन देगा और क्या सरकार स्वयं अनिवार्य व निशुल्क शिक्षा कानून का पालन कर रही है। वह आबादी के अनुपात में स्कूलों में अध्ययन की व्यवस्था कर रही है या नहीं। मामले पर अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद। हाईकोर्ट ने सूबे में नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू करने पर प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कानून लागू नहीं किया गया है तो फिर गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई किस आधार पर की जा रही है। अदालत ने सचिव बेसिक शिक्षा यह भी जानना चाहा है कि प्रदेश की आबादी के हिसाब से कितने प्राथमिक स्कूल खोले गए हैं और कितने शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इस मामले हलफनामा भी मांगा है।
एटा के माया प्रकाश चौहान की जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि बीएसए एटा ने गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। कार्रवाई अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत की जा रही है जबकि प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा लागू करने में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की बड़ी भूमिका है। निजी विद्यालय सरकार की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि मानक के विपरीत बिना मान्यता के चल रहे विद्यालयों पर कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि कक्षा एक से कक्षा तीन तक के स्कूलों को मान्यता कौन देगा। क्या सरकार खुद अनिवार्य शिक्षा कानून का पालन कर रही है। याचिका पर 26 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।

Post a Comment

1 Comments

  1. 📌 ALLAHABAD HIGHCOURT : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव और स्थानीय निकाय सचिव से पूछा है कि सूबे में अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने के लिए सरकार ने क्या किया? राज्य में कितने स्कूल बनाए गए और कितने अध्यापकों की नियुक्ति की गइ? क्या प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में सरकार ने प्राथमिक स्कूल बनाए हैं? मामले पर अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/09/allahabad-highcourt-26.html

    ReplyDelete