सरकारी स्कूलों में हो रहे नए-नए प्रयोगों को साझा करने का नया पता हो गया अब व्हाट्सएप
इलाहाबाद : सरकारी स्कूलों में हो रहे नए-नए प्रयोगों को साझा करने का नया पता अब व्हाट्सएप हो गया है। वेतन, पेंशन, छुट्टी जैसे विषय से इतर सैकड़ों सरकारी शिक्षक व्हाट्सएप पर सिर्फ बच्चों की पढ़ाई और उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों को साझा कर रहे है।
जसरा ब्लॉक के एसोसिएट ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर (एबीआरसी) या सह समन्वयक विज्ञान सुनील तिवारी ने 29 अगस्त 2015 को एजुकेशनल इनोवेशन नाम से ग्रुप बनाया जिसमें 256 शिक्षक सदस्य हैं। सदस्यों की संख्या पूरी होने के बाद एक मार्च 2016 को उन्होंने साइंस वर्कशॉप इलाहाबाद नाम से एक और ग्रुप बनाया जिसमें 122 शिक्षक-शिक्षिकाएं सदस्य बन चुके हैं।
इन दोनों ग्रुप की खासियत है कि इसमें शिक्षक-शिक्षिकाएं अपने-अपने स्कूल की गतिविधि, फोटो, वीडियो पोस्ट करते हैं। सीमित संसाधनों में किए जा रहे प्रयास वाकई तारीफ के काबिल हैं। प्राथमिक विद्यालय रेही जसरा की चेतना भारती ने दो अगस्त को प्लास्टिक की बोतल और मिट्टी से निर्मित ज्वालामुखी का वर्किंग मॉडल पोस्ट किया तो सदस्यों ने खूब तारीफ की।
चेतना भारती ने ही 3 अगस्त को मरूस्थलीय पौधों की विशेषता बताते बच्चों की वीडियो अपलोड किया। इसी तरह सलोनी मल्होत्रा ने 3 अगस्त को जूतों के डिब्बों से कम्प्यूटर के मॉडल को साझा किया तो चेतना भारती ने सुहानी, प्रियांशु, आदित्य, शिवम, रंजना, प्राची, अनूप और पिंकी द्वारा बनाए गए कंकाल की फोटो 4 अगस्त को डाली।
भूतपूर्व सैनिक और अब प्राथमिक विद्यालय सेमरा कल्वना के शिक्षक आफताब अहमद उस्मानी का स्कूल मैनेजमेंट देखते ही बनता है। उच्च प्राथमिक विद्यालय भीटा जसरा की शिखा सिंह, बिरवल की नीरजा सिंह और घूरपुर की नीता त्रिपाठी के देखरेख में चल रहा साइंस क्लब दूसरों को प्रेरणा दे रहा है।
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