PRIVATE SCHOOL : शिक्षा विभाग ने एक हफ्ते में भी नहीं की कार्रवाई, बीएसए ने डीएम को सौंपी रिपोर्ट
जासं, इलाहाबाद : शिक्षा विभाग की अनदेखी का नतीजा है राष्ट्रगान के विरोध का मसला। जिस स्कूल का मामला सामने आया है, वह बिना मान्यता के कई वर्षो से चल रहा है, लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी। जबकि इस मामले में एक सप्ताह पहले नोटिस देने के बावजूद विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर समय से विभाग की तरफ से कदम उठा लिया गया होता, तो शायद यह दिन आता ही नहीं। अब वही विभाग जांच और कार्रवाई की बात कर रहा है।
शहर के सदियाबाद स्थित एमए कान्वेंट स्कूल में आगामी स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और सरस्वती वंदना की अनुमति नहीं दिए जाने की बात एक बड़े वर्ग में नाराजगी का सबब बनी है। स्कूल में पहली से आठवीं तक की कक्षा में लगभग 300 बच्चे पढ़ते हैं। यहां चार दिन पहले स्वतंत्रता दिवस को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी शुरू की गई।
प्रधानाध्यापिका समेत अन्य शिक्षिकाओं का कहना है वह राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, सरस्वती वंदना की रिहर्सल करा रही थीं लेकिन प्रबंधक ने इस पर पाबंदी लगा दी। इसे धर्म के विरुद्ध बताया। प्रधानाध्यापिका ऋतु तिवारी व शिक्षिका अर्चना पाल, कनिष्का श्रीवास्तव, अर्चना तिवारी ने विवाद के बाद शुक्रवार को स्कूल छोड़ दिया है। प्रधानाध्यापिका और ये शिक्षिकाएं शनिवार को स्कूल नहीं पहुंची तो स्कूल निर्धारित समय 12 बजे से एक घंटा पहले बंद हो गया। बच्चे घर पहुंचे तो नाराज अभिभावक स्कूल पहुंच गए और वहां ताला लटका देख हंगामा किया। कुछ देर बाद यहां पहुंचे नगर खंड शिक्षा अधिकारी शशांक शुक्ला ने अभिभावकों से बातचीत की।
उधर, स्कूल प्रबंधक जिया उल हक का कहना है कि राष्ट्रगान में भारत भाग्य विधाता का उल्लेख है। कुछ मुस्लिम अभिभावक नहीं चाहते कि राष्ट्रगान कराया जाए, इसलिए राष्ट्रगान नहीं कराया जाता।
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