BTC COLLEGE : प्रदेश में और बढ़ेंगे बीटीसी कालेज, परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने हाल में ही 391 कालेजों को दी संबद्धता, सत्र 2016 के लिए 1796 कालेजों ने संबद्धता पाने को किया आवेदन
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बीटीसी (बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग) के लिए इधर युवाओं का रुझान का घटा है, लेकिन इसका असर बीटीसी कालेज संचालकों पर बिल्कुल नहीं है। शायद यही वजह है कि प्रदेश भर में बीटीसी पाठ्यक्रम संचालन की संबद्धता पाने के लिए अब भी होड़ मची है। अगले सत्र के लिए करीब 1796 कालेजों ने दावेदारी कर दी है। यही नहीं जिस रफ्तार से कालेजों को संबद्धता मिल रही है उससे आने वाले समय में बीटीसी प्रशिक्षुओं को शिक्षक बनने का मौका मिलने के आसार बिल्कुल नहीं है।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद से संचालित स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए 2011 के पहले तक बीटीसी ही मुख्य अर्हता रही है। इसलिए युवा वहां दाखिला पाने के लिए तैयारी करते थे और प्रशिक्षण पूरा होते ही उन्हें नौकरी भी मिल जाती रही है। इसकी एक वजह यह भी थी कि बीटीसी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में ही होती रही है। वहां पहले प्रति डायट 100 सीटें थी बाद में उसे बढ़ाकर 200 कर दिया गया। निजी कालेजों को बीटीसी की संबद्धता देने के लिए अर्से से दबाव बन रहा था, लेकिन 2010 के बाद से इसमें खासी तेजी आई। देखते ही देखते निजी कालेजों की प्रदेश में बाढ़ आ गई। इधर के वर्षो में पहले 709, 181 फिर 144 कालेजों को संबद्धता दी गई। कुछ महीने पहले ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बीटीसी सत्र 2015 के लिए 391 कालेजों को संबद्धता दी है।
इस समय बीटीसी 2015 का प्रशिक्षण शुरू कराने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अगले सत्र के लिए ही बड़ी संख्या में 1796 कालेजों ने बीटीसी की संबद्धता पाने के लिए आवेदन कर दिया है। उनमें से अधिकांश को संबद्धता मिलने की भी उम्मीद है। ऐसे में प्रदेश में बीटीसी सीटों की संख्या करीब पौने दो लाख प्रति वर्ष हो जाएगी। यह जरूर है कि इस बार बीटीसी के लिए आवेदकों की संख्या में काफी गिरावट आई है। यह कालेज संचालकों के लिए खतरे की घंटी जरूर है।
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