राज्य कर्मियों को मिलेगी सौगात : प्रारूप तय करने को समिति गठित, मुख्यमंत्री नियुक्त करेंगे अध्यक्ष, चुनाव से पहले लागू करने को छह माह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी समिति
🔴 लखनऊ में लाल बहादुर शास्त्री भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।
पहले साल 26,573 करोड़ खर्च
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें माने जाने पर पहले साल 26,573 करोड़ अतिरिक्त खर्च आने की उम्मीद है। इसके बाद हर साल 22778 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होगा। प्रदेश सरकार ने इस खर्च के लिए बजट में ही तैयारी कर ली थी। पिछले साल के बजट में तीन फीसद वृद्धि कर अनुमानित व्यय का आगणन किया गया था।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ । चुनावी साल में प्रदेश सरकार ने राज्य के 21 लाख से अधिक कर्मचारियों व पेंशनरों को खुश रखने की राह चुनी है। सरकार ने सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां लागू करने को हरी झंडी दे दी है। प्रारूप तय करने के लिए घोषित समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सौंपा गया है। चुनाव से पहले इन सिफारिशों पर अमल के लिए समिति से छह माह में रिपोर्ट देने को कहा गया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सातवें केंद्रीय वेतन आयोग का लाभ विभिन्न वर्गो के कार्मिकों को देने पर सहमति जतायी गयी और इसका प्रारूप तय करने के लिए एक कमेटी के गठन का फैसला किया गया। कैबिनेट ने नियोजन व कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिवों को सदस्य और वित्त वेतन आयोग के सचिव को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। इस बार चुनावी साल होने के कारण समिति से जल्दी रिपोर्ट छह माह में मांगी गयी है।
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📌 राज्य कर्मियों को मिलेगी सौगात : प्रारूप तय करने को समिति गठित, मुख्यमंत्री नियुक्त करेंगे अध्यक्ष, चुनाव से पहले लागू करने को छह माह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी समिति
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