जावड़ेकर करेंगे न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर विवाद खत्म : लोकसभा में पहले ही दिन जवाब से करेंगे समाधान की कोशिश
नई दिल्ली : न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर उठ रहे सवालों को शांत करने की कोशिश नए एचआरडी मिनिस्टर जावड़ेकर लोकसभा के पहले ही दिन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक अगर 18 जुलाई से शुरू हो रहा मॉनसून सत्र पहले दिन चला तो जावड़ेकर लोकसभा में अपने स्टेटमेंट से पॉलिसी को लेकर राज्य सरकारों और एजुकेशनिस्ट की तरफ से उठ रहे विवाद को खत्म करने की कोशिश करेंगे।
ड्राफ्ट पॉलिसी महज रिकमंडेशन कैसे बना : न्यू एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए जब अक्टबूर 2015 में टीएसआर सुब्रमण्यन की अध्यक्षता में कमिटी बनी तब मिनिस्ट्री की तरफ से कहा गया कि यह ड्राफ्टिंग कमिटी है और यह ड्राफ्ट नैशनल पॉलिसी तैयार करेगी साथ ही एक्शन के लिए फ्रेमवर्क भी। इस कमिटी के रिपोर्ट देने तक मिनिस्ट्री और उस वक्त की एचआरडी मिनिस्टर स्मृति इरानी यही कहती रहीं कि कमिटी एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। लेकिन अचानक जब कमिटी ने अपना ड्राफ्ट मिनिस्ट्री को सौंपा और इसे पब्लिक डोमेन में डालने की बात उठने लगी तो मिनिस्ट्री की तरफ से इसे ड्राफ्ट पॉलिसी की बजाय महज रिकमंडेशन करार दे दिया गया।
सुब्रमण्यन कमिटी ने भी जो रिपोर्ट सौंपी उसका टाइटल था -नैशनल पॉलिसी फॉर एजुकेशन 2016-रिपोर्ट ऑफ द कमिटी फॉर द इवोल्यूशन ऑफ एनईपी (नैशनल एजुकेशन पॉलिसी)। जिसके बाद लगातार सवाल उठ रहे हैं कि जो कमिटी ड्राफ्ट पॉलिसी देने वाली थी उसे महज रिकमंडेशन क्यों माना जा रहा है।
राज्यों को साथ न लेना : कमिटी की रिकमंडेशन राज्य सरकारों के साथ भी शेयर नहीं की गईं। सूत्रों के मुताबिक जावड़ेकर सभी राज्य के एजुकेशन मिनिस्टर को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं। लोकसभा में भी वह इसकी कोशिश करते नजर आएंगे।
सूत्रों का कहना है कि उनकी कोशिश रहेगी कि इस मसले पर सभी को साथ लिया जाए जिससे विवाद न उठे और जो विवाद उठ चुके हैं वह भी शांत हों।
मिनिस्ट्री ने जिस कमिटी का गठन ड्राफ्ट बनाने के लिए किया था उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से भी मिनिस्ट्री हिचकिचाती रही। जब कई राज्य सरकारों की तरफ से भी सवाल उठने लगे तो मिनिस्ट्री ने अपनी वेबसाइट पर करीब 40 पेज की रिपोर्ट अपलोड की जिसे 'सम इनपुट्स फॉर ड्राफ्ट नैशनल एजुकेशन पॉलिसी' का नाम दिया। सुब्रमण्यन कमिटी की 230 पेज की रिपोर्ट जिसे मिनिस्ट्री ने महज रिकमंडेशन करार दिया उसे मिनिस्ट्री की वेबसाइट तक में शेयर नहीं किया गया।
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