शपथ पत्र व नोटरी सत्यापन की बजाय कर सकेंगे स्व-घोषणा, नई आइटी नीति में ई-गवर्नेस और जन केंद्रित सेवाओं पर जोर
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राज्य सरकार की ओर से लागू की गई उप्र सूचना प्रौद्योगिकी व स्टार्टअप नीति, 2016 के तहत शपथ पत्र और नोटरी से सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर इनके स्थान पर स्वघोषणा की प्रक्रिया लागू की जाएगी। साथ ही अभिलेखों के स्थान पर सेवा डिलिवरी के लिए डाटा सेट्स का उपयोग किया जाएगा।
आइटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि नई नीति में ई-गवर्नेस और जन केंद्रित सेवाओं पर जोर दिया गया है। इस पहल के तहत राज्य सरकार सरकारी विभागों की ओर से नागरिकों को दी जा रही उन सेवाओं को चिन्हित करेगी जिन्हें विकसित किया जाना है। नागरिकों को इन सेवाओं को इंटरनेट के जरिये जनसेवा व लोकवाणी केंद्रों और कॉमन सर्विस डिलीवरी केंद्रों के माध्यम स उपलब्ध कराया जाएगा।
नई नीति के तहत ई-डिस्टिक्ट, अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क व प्रणाली (सीसीटीएनएस) जैसी शासन की मिशन मोड परियोजनाओं तथा पंचायतीराज, वाणिज्य कर, खाद्य व नागरिक आपूर्ति तथा अन्य विभागों की परियोजनाओं के समयबद्ध संचालन को और अधिक सुविधाजनक व सुगम बनाया जाएगा।
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