दागी अफसर चला रहे शिक्षा विभाग : प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा से लेकर जेडी डीआईओएस व बीएसए सहित 90 फीसद से अधिक किसी न किसी मामले में हैं फंसे
इलाहाबाद । प्रदेश की सपा सरकार ने अपने साढ़े चार वर्षके कार्यकाल के दौरान बेसिक और माध्यमिक शिक्षा की तरफ जरा भी ध्यान नहीं दिया।इससे शिक्षा पूरी तरह से पटरी से उतर गयी।स्थिति इतनी अधिक खराब है कि शिक्षा विभाग के 90 फीसदी से अधिक अधिकारियों के खिलाफ कोईन कोईजांच चल रही है और उनमें से अधिकतर निलंबित हो चुके है।इसके बावजूद वह जिला, मण्डल और शिक्षा निदेशालय में ठाठ से नौकरी घूम-घूमकर कर रहे है लेकिन प्रदेश सरकार को इन सबसे कोई मतलब नहीं है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा जितेन्द्र कु मार है।इन पर कईसंगीन आरोप है।हाईटेक नंबर प्लेट घोटाले में भी इनका नाम आ चुका है।पूर्वमाध्यमिक शिक्षा निदेशक - सभापति संजय मोहन वर्ष 2011 के टीईटी घोटाले में अभी भी जेल में है। पूर्वमाध्यमिक शिक्षा निदेशक- सभापति वासुदेव यादव के खिलाफआय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच हाईकोर्ट में लंबित है।
अगर मामले की जांच समय से होती तो वासुदेव यादव का भी जेल जाना तय माना जा रहा था।माध्यमिक शिक्षा निदेशक / सभापति अमरनाथ वर्माका नाम टीईटी-2011 में फर्जी तरीके से फे ल होने वाले 450 अभ्यर्थियों के पास होने में आया था लेकिन जांच को पूरी तरह से दबा दिया गया है।इलाहाबाद के बीएसए पीके शर्माथे।मनमाने तबादलें करने पर शासन ने निलंबित कर दिया था।पूर्वबीएसए धम्रेश सक्सेना से कईबार चार्ज छीना गया था लेकिन उनको भी बाद में निलंबित कर दिया गया है।इनके खिलाफआय से अधिक संपत्ति की जांच चल रही है।
पूर्व बीएसए और तत्कालीन डीआईओएस इलाहाबाद राजकुमार यादव है। इन पर कईदर्जन महिलाओं ने यौन उत्पीडन सहित अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए शासन में शिकायत किया था।उन मामलों की उच्च स्तरीय जांच प्रशासन और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं।पूर्व बीएसए इलाहाबाद बृजेश कु मार मिश्र थे।इलाहाबाद सहित अन्य जिलों में इनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति मामले में कई गंभीर आरोप लगे थे और क ई बार उनसे चार्ज ले लिया गया था लेकिन मामले की जांच चल रही है।वह अब प्रतापगढ़ के डीआईओएस है।
इलाहाबाद के पूर्व बीएसए धम्रेन्द्र सक्सेना थे।इन पर भी आय से अधिक के मामले के कई जिलों में गंभीर आरोप लगे थे।दूसरों जिलों में तैनाती के दौरान श्री सक्सेना निलंबित किये गये थे।प्रतापगढ़ के पूर्वबीएसए एच टी हुसैन रामपुर जिले में तैनाती के दौरान व्यापक स्तर के घोटाले में गिरफ्तार होकर जेल चले गये थे।उप सचिव शिक्षा निदेशालय ज्ञान प्रकाश सिंह है।इनको भी जेल हुईथी।माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डके उप सचिव डा.आशुतोष द्विवेदी है।इन पर भी कई संगीन आरोप लगे है। उन मामलों की जांच शासन स्तर पर चल रही है। बीएसए संदीप चौधरी पर भी कई मामले है।उनकी जांच चल रही है।जेडी मिर्जापुर की माया निरंजन है।इनको कोर्ट ने जेल भेजने के लिए कहा था और यह निलंबित हो चुकी है। कानपुर के डीआईओएस कोमल यादव जब कौशाम्बी में डीआईओएस थे तो निलंबित हो चुके है।
इसी प्रकार से कालीचरण महराजगंज डीआईओएस, के एल वर्मा , भाष्कर मिश्रा और देवी सहाय तिवारी सहित अन्य शिक्षाधिकारी है जिन पर रिश्वत लेने सहित अन्य गंभीर मामलों में कार्रवाईझेल रहे है।इसके बावजूद प्रदेश की सपा सरकान ईमानदार और काम करने वाले अधिकारियों को नजर अंदाज करके दागी अफसरों से धडल्ले से काम करवा रही है।
साभार : राष्ट्रीय सहारा
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