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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

'नो डिटेंशन पॉलिसी से हुआ नुकसान' : RTI (आरटीआई) में बदलाव की मांग, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर ने उठाए सवाल, सर्व शिक्षा अभियान की नीतियों से भी शिक्षा का स्तर गिरने की बात कही

'नो डिटेंशन पॉलिसी से हुआ नुकसान' : RTI (आरटीआई) में बदलाव की मांग, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर ने उठाए सवाल, सर्व शिक्षा अभियान की नीतियों से भी शिक्षा का स्तर गिरने की बात कही

नई दिल्ली : स्कूलों में आठवीं क्लास तक स्टूडेंट्स को फेल न करने की ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ पर जम्मू-कश्मीर और पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान की नीतियों से भी शिक्षा का स्तर गिरने की बात कही है। साथ ही शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) में भी बदलाव की मांग की है।

क्लास 2 लायक भी नहीं

जम्मू-कश्मीर के एजुकेशन मिनिस्टर नईम अख्तर ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि सर्व शिक्षा अभियान की खामियों की वजह से शिक्षा का स्तर बहुत ज्यादा गिरा है। यह पॉलिसी स्टूडेंट्स का भला करने की बजाय वोट देने वाले लोगों का भला करती दिखी। उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी के तहत 1 या 2 कमरों के प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए, जिनमें एक टीचर रख दिया गया। इस वजह से बच्चों को प्राइमरी एजुकेशन ही सही से नहीं मिल पा रही है। उन्होंने नो डिटेंशन पॉलिसी पर भी सवाल उठाए। अख्तर ने एक सर्वे का हवाला देते हुए बताया कि उनके राज्य में 8वीं के करीब 60 पर्सेंट बच्चे क्लास 2 की किताबें भी सही ने नहीं पढ़ पा रहे थे।

एग्जाम से सुधरा स्तर

पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर दलजीत सिंह चीमा ने एनबीटी को बताया कि नो डिटेंशन पॉलिसी की वजह से स्टूडेंट्स कुछ सीख नहीं पा रहे थे। इसलिए हमने इस साल पंजाब में 5वीं और 8वीं क्लास में एग्जाम लिया। हालांकि किसी को फेल नहीं किया, लेकिन एग्जाम लेने से यह पता चल गया कि बच्चे कितना सीख पा रहे हैं और टीचर कितना काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एग्जाम के बिना न बच्चे का मूल्यांकन हो पाता है और न ही टीचर का। चीमा ने बताया कि हमने 5वीं क्लास के करीब 2 लाख 64 हजार बच्चों का एग्जाम लिया। करीब 8 महीने पहले ही एग्जाम के बारे में बता दिया था तो बच्चों ने पढ़ाई भी की। जिससे करीब 20 पर्सेंट बच्चों को 80 पर्सेंट मार्क्स मिले।

वहीं 67 पर्सेंट बच्चों को 60 पर्सेंट से ज्यादा मार्क्स मिले। उन्होंने कहा कि करीब 3 पर्सेंट बच्चों को 35 पर्सेंट से कम मार्क्स मिले, जिनके लिए हम सुधारात्मक क्लास शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिना एग्जाम के बच्चों की प्रोग्रेस का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, इसलिए आरटीई में बदलाव जरूरी है।

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  1. '📌 नो डिटेंशन पॉलिसी से हुआ नुकसान' : RTI (आरटीआई) में बदलाव की मांग, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के एजुकेशन मिनिस्टर ने उठाए सवाल, सर्व शिक्षा अभियान की नीतियों से भी शिक्षा का स्तर गिरने की बात कही
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/06/rti.html

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