प्राइवेट स्कूलों के गरीब बच्चों को भी मिले मिड-डे मील’ : प्राइवेट स्कूलों में ईडब्लूएस कैटिगरी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को मिड डे मील न देना उनके साथ भेदभाव - चाइल्ड राइट्स की टॉप बॉडी ने एचआरडी मिनिस्ट्री से कहा
नई दिल्ली : चाइल्ड राइट्स की टॉप बॉडी ने एचआरडी मिनिस्ट्री से कहा है कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को भी मिड डे मील दिया जाना चाहिए। इसके लिए मिनिस्ट्री को इंतजाम करना चाहिए, जिससे प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ भेदभाव ना हो।
नैशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने इस संबंध में एचआरडी मिनिस्ट्री को लेटर लिखा है। कमिशन मेंबर प्रियंक कानूनगो ने बताया कि हमने जब स्टडी की तो पाया कि प्राइवेट स्कूलों में ईडब्लूएस कैटिगरी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को मिड डे मील न देना उनके साथ भेदभाव है।
सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को मिड डे मील देती है, जिससे गरीब परिवार से आने वाले बच्चों की न्यूट्रिशन की जरूरत पूरी करने की कोशिश की जाती है। साथ ही इसका मकसद यह भी होता है कि बच्चे स्कूल से ड्रॉप आउट ना हों और पैरंट्स उन्हें रेगुलर स्कूल भेजें।
कानूनगो ने कहा कि मिड डे मील स्कीम का फायदा भी दिख रहा है और स्कूलों में ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है।
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