सातवें वेतन आयोग से पहले विसंगतियों पर फोकस : मकान किराया भत्ते को महंगाई भत्ते से जोड़ने का प्रस्ताव
लखनऊ : सातवें वेतन आयोग को लेकर चल रही जद्दोजहद के बीच राज्य कर्मचारियों की पुरानी वेतन विसंगतियों पर फोकस करने की तैयारी है। सरकार कर्मचारियों को ज्यादा भत्ताें के साथ संवर्ग के भीतर आई विसंगतियों को दूर करने की पहल कर रही है।
मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में ऐसे एक दर्जन से अधिक मामलों पर विचार विमर्श होगा। अगले माह केंद्र सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियां स्वीकार किये जाने की उम्मीद है। इसके बाद प्रदेश में भी इसकी प्रक्रिया शुरू होगी। अगले साल चुनाव होने के कारण माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार भी जल्द ही सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को स्वीकार कर लेगी। उससे पहले विभिन्न विभागों से जुड़ी वेतन विसंगतियों को ठीक करने पर जोर दिया जा रहा है।
वित्त सचिव अजय अग्रवाल के मुताबिक कर्मचारी संगठन लंबे समय से वेतन विसंगतियां दूर करने के साथ विभिन्न सेवा संवर्गो में ग्रेड पे व पे बैंड से जुड़ी असमानताएं दूर करने की मांग कर रहे थे। ऐसे कई मामले मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के हवाले किये गए थे। इनमें से 13 मामलों पर फैसले के लिए मंगलवार को समिति की बैठक होगी। अन्य विसंगतियों पर भी समयबद्ध ढंग से विचार कर उन्हें दूर किया जाएगा। इनमें से कुछ को सातवें वेतन आयोग के लिए गठित समिति के विचारार्थ संदर्भित भी किया जा सकता है।
मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रस्तावित बैठक में जिन 13 मसलों पर विचार विमर्श होगा, उनमें मकान किराया भत्ता (एचआरए) की दरें तर्कसंगत बनाए जाने की बात भी शामिल है। अभी एचआरए मूल वेतन पर देय होता है। अब इसे महंगाई भत्ते से जोड़ने (लिंक करने) की तैयारी है। फील्ड कर्मचारियों को अभी साइकिल भत्ते के रूप में सौ रुपये मिलते हैं। कर्मचारियों की मांग है कि साइकिल भत्ते के स्थान पर मोटरसाइकिल भत्ता दिया जाए। इस राशि में सात सौ रुपये तक देने का प्रस्ताव मुख्य सचिव के सामने लाया जाएगा।
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📌 सातवें वेतन आयोग से पहले विसंगतियों पर फोकस : मकान किराया भत्ते को महंगाई भत्ते से जोड़ने का प्रस्ताव
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