इंतज़ार ख़त्म! जल्द ही लागू हो जाएगा सातवां वेतन आयोग
केंद्रीय कर्मचारियों को जल्द ही सातवें वेतन आयोग का तोहफा मिल सकता है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति की आखिरी बैठक में इस बात पर चर्चा पूरी हो गयी है।
बता दें कि वेतन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद जनवरी 2016 में इस समिति का गठन किया गया था। इस समिति का काम था कि सातवें वेतन आयोग के सामने आ रही सभी दिक्कतों से निपटा जा सके। बैठकें समाप्त हो जाने के बाद ये समिति अपनी रिपोर्ट अब वित्त मंत्रालय को सौंपेगी। सरकार पहले ही साफ़ कर चुकी है कि वो इस समिति की सभी सिफारिशों को अमल में लाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि सरकार समिति की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करेगी क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होने वाला है।
जानिए क्या मिलेगा
गौरतलब है कि वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन 18000 और अधिकतम 250000 करने की सिफारिश की है। साथ ही कैबिनेट सचिव और समान स्तर के सरकारी अधिकारियों के लिए सर्वाधिक 250000 रुपये वेतन करने की सिफारिश की गई है। जानकारी के मुताबिक बढ़ा वेतन जुलाई में दिया जा सकता है, जो 1 अगस्त को कर्मचारियों के खाते में पहुंचेगा। बता दें कि आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू करने पर सरकारी खजाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का सालाना बोझ आएगा, जिसमें 28,450 करोड़ रुपये से अधिक का बोझ रेलवे बजट और बाकी 73,650 करोड़ रुपये आम बजट पर जाएगा।
छठा वेतन आयोग 1 जनवरी, 2006 से लागू हुआ था और उम्मीद है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू होंगी और कर्मचारियों को बाकी पैसा बतौर एरियर दिया जाएगा। बता दें कि राज्यों द्वारा भी कुछ संशोधनों के साथ इन्हें अपनाया जाता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपी गई वेतन आयोग की रिपोर्ट में मौजूदा कर्मचारियों के मूल वेतन में 16 प्रतिशन, भत्तों में 63 प्रतिशत और पेंशन में 24 प्रतिशत इजाफे की सिफारिश की गई है। कहा जा रहा है कि नए वेतन ढांचे में सातवें वेतन आयोग ने छठे वेतन आयोग द्वारा शुरू की गई 'पे ग्रेड' व्यवस्था खत्म कर इसे वेतन के मैट्रिक्स (ढांचे) में शामिल कर दिया है और कर्मचारी का ओहदा अब ग्रेड पे की जगह नए ढांचे के वेतन से तय होगा।
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