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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

आधार से जुड़ेंगे जाति और निवास प्रमाणपत्र : शिक्षकों की बड़ी मुसीबत, राज्यों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के दोनों प्रमाणपत्र जारी करना सुनिश्चित कराना होगा

आधार से जुड़ेंगे जाति और निवास प्रमाणपत्र : शिक्षकों की बड़ी मुसीबत, राज्यों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के दोनों प्रमाणपत्र जारी करना सुनिश्चित कराना होगा

नई दिल्ली, प्रेट्र : आधार का दायरा आनेवाले दिनों में और बढ़ेगा। केंद्र ने राज्य/केंद्र शासित सरकारों को जाति और निवास प्रमाणपत्र को आधार से जोड़ने का निर्देश दिया है। राज्यों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के दोनों प्रमाणपत्र जारी करना सुनिश्चित कराना होगा।केंद्र ने अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलने में होने वाली देरी की शिकायतों के बीच यह निर्णय लिया है। जाति और निवास प्रमाणपत्र बनवाने में अधिकारियों द्वारा परेशान करने की शिकायतें भी मिलती रही हैं।

कार्मिक मंत्रलय की ओर से जारी ताजा निर्देशों से इस समस्या का काफी हद तक निदान होने की उम्मीद है। बता दें कि 12 अंकों का आधार नंबर विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की ओर से जारी किया जाता है। इसका इस्तेमाल पहचान और पते के प्रमाण के तौर पर किया जाता है। कहा गया है कि जाति और निवास प्रमाणपत्रों को आधार से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति के योग्य उम्मीदवारों को सरकारी सुविधाएं मुहैया कराना है। नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में होने वाले घालमेल को भी इससे रोका जा सकेगा।



केंद्र सरकार ने की अपनी तरह की एक अनूठी पहल

नई दिल्ली (भाषा)। केंद्र की ओर से अपनी तरह की अनूठी पहल के तहत सभी राज्यों को स्कूली विद्यार्थियों को जारी किए जाने वाले जाति और मूल निवास प्रमाण पत्रों के साथ आधार को संबद्ध करने को कहा गया है। इन राज्यों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जब विद्यार्थी कक्षा पांच या आठ में पढ़ रहे हों, उन्हें 60 दिनों के भीतर इस तरह के प्रमाण पत्र जारी किए जाएं।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से जुड़े विद्यार्थियों को वजीफा देने में विलंब की शिकायतें आती रही हैं जिसके मद्देनजर यह घटनाक्रम काफी मायने रखता है। इसके अलावा, लोग अक्सर जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र लेने में सरकारी अधिकारियों द्वारा कथित उत्पीड़न की शिकायतें करते हैं। स्कूलों में जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी करने पर कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी प्रश्नोत्तरी में कहा गया है कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के आंकड़े ऑनलाइन भी उपलब्ध करा सकती हैं और इसे आधार से जोड़ सकती हैं। आधार संख्या के साथ इन प्रमाण पत्रों को जारी करने के संबंध में गंभीर प्रयास किए जाएं।


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  1. 📌 आधार से जुड़ेंगे जाति और निवास प्रमाणपत्र : शिक्षकों की बड़ी मुसीबत, राज्यों को पांचवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के दोनों प्रमाणपत्र जारी करना सुनिश्चित कराना होगा
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/06/blog-post_379.html

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