एनसीईआरटी के सिलेबस में साफ-सफाई(स्वच्छ भारत) और बेहतर स्वास्थ्य को भी शामिल किया जाए - केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी
लखनऊ: एनसीईआरटी के सिलेबस में साफ-सफाई(स्वच्छ भारत) और बेहतर स्वास्थ्य को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए केजीएमयू से सुझाव लिए जाएंगे। यह बात केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी ने स्कूली शिक्षा पर केजीएमयू वीसी प्रो. रविकांत के प्रजेंटेशन के बाद कही। प्रजेंटेशन से प्रभावित स्मृति इरानी ने कहा कि वह एनसीईआरटी की बैठक में वीसी को बुलाएंगी।
असोसिएशन फॉर रिसर्च प्रफेशनल्स एंड एलुमनी असोसिसशन ऑफ केजीएमयू की ओर से 'कंट्रीब्यूशन ऑफ डॉक्टर्स फॉर सोशल वेल्फेयर' विषय पर कन्वेंशन सेंटर में आयोजित लेक्चर के दौरान स्मृति इरानी ने कहा कि प्रो. रविकांत का प्रजेंटेशन बहुत अच्छा था। मानव संसाधन मंत्रालय में जब से हूं, तब से ऐसा प्रजेंटेशन कम ही देखने को मिला है। खास तौर से स्वच्छ भारत और बच्चों के अंदर शुरुआत से ही संस्कार की जो बात कही गई है, वह बहुत जरूरी है। यदि किसी को 20 साल की उम्र के बाद कहा जाए कि यहां मत थूको तो वह नहीं सीखेगा। बचपन से ही सिखाया जाए तो वे जल्दी सीख जाएंगे। इससे पहले केजीएमयू वीसी प्रो. रविकांत ने प्री-प्राइमरी से लेकर मेडिकल तक की पढ़ाई पर अपना प्रजेंटेशन दिया।
अमेठी में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल: केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि लखनऊ से अमेठी का रास्ता डेढ़ घंटे का है। मगर वहां पर स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल रहा। उन्होंने केजीएमयू के डॉक्टरों को वहां कैंप लगाने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि सभी डॉक्टर महीने में एक दिन गरीबों का मुफ्त इलाज करें।
नहीं हो सके छात्रों के सवाल-जवाब
स्मृति इरानी से सवाल करने के लिए काफी संख्या में छात्र भी बुलाए गए थे। इस बारे में चर्चा हुई लेकिन सवाल-जवाब नहीं हो सके। हालांकि संचालक ने बताया कि मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि वह भाषण कम देंगीं। छात्रों से संवाद ज्यादा करेंगी। जब सवाल-जवाब का नंबर आया तो बड़ी मुश्किल से एक हाथ उठा। उसी बीच छात्र की बजाय एक अन्य व्यक्ति ने सवाल पूछ लिया। स्मृति ने पहले उन्हें टोका भी, लेकिन फिर उनके सवाल का जवाब देते हुए ही अपना भाषण शुरू कर दिया।
डॉक्टर के साथ अच्छे इंसान भी बनें: स्मृति ने डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों से कहा कि वे अच्छे डॉक्टर के साथ अच्छे इंसान भी बनें। उन्होंने रिसर्च के स्तर पर चिंता जताई। कहा कि डॉक्टरों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन उस अनुपात में रिसर्च नहीं। कहा कि व्यावहारिक ज्ञान के लिए नजदीक के ब्लॉक या गांव में जाएं। उन्होंने इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने को कहा।
'मैं भी रही हूं बैक बेंचर': लेक्चर के बाद स्टूडेंट्स के सवाल पूछने की बारी आई तो संचालक ने स्टूडेंट को बैक बेंचर्स कहकर संबोधित किया। इस पर स्मृति ने कहा कि मैं भी बैक बेंचर रहीं हूं। इसमें हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं, बैक बेंचर्स भी बहुत कुछ कर सकते हैं, ये आप देख ही रहे हैं।
राज्यपाल से मुलाकात: स्मृति इरानी राज्यपाल राम नाईक सेे भी मिलीं। दोनों के बीच प्रदेश के उच्च शिक्षा में सुधार से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। राज्यपाल ने उन्हें अपनी ‘चरैवेति! चरैवेति!!‘ किताब सौंपी ।
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