दस बरस से जमे खंड शिक्षाधिकारी हटेंगे : शासन की तबादला नीति के आधार पर प्रदेश भर में होगा फेरबदल, बेसिक शिक्षा सचिव अलग से जारी नहीं करेंगे नीति
इलाहाबाद : लंबे समय से एक ही जगह जमे खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला होने जा रहा है। इसके लिए बेसिक शिक्षा सचिव अलग से तबादला नीति जारी नहीं करेंगे, बल्कि शासन की नीति के अनुरूप ही सख्ती से फेरबदल होगा। एक ही मंडल में दस साल से तैनात रहने वाले अधिकारियों को चिन्हित भी कर लिया गया है और विभागीय अफसरों ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए हामी भर दी है। कुछ ही दिनों में तबादला आदेश जारी होने की उम्मीद है।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की तर्ज पर विकासखंड मुख्यालयों में तैनात खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला करने के लिए इस बार शासन ने नीति बनाने का निर्देश जारी किया था। शिक्षा निदेशालय में मंथन के बाद करीब दो दर्जन बिंदुओं को समाहित करते हुए तबादला नीति तैयार की गई और समय रहते बेसिक शिक्षा सचिव को सिपुर्द कर दी गई। नीति बनाने का निर्देश पूर्व सचिव का था, ऐसे में यह महीनों ठंडे बस्ते में रही।
आखिरकार यह तय हुआ कि खंड शिक्षाधिकारियों के लिए अलग से नीति जारी नहीं की जाएगी, बल्कि शासन ने मई में जो तबादला निर्देश जारी किए हैं उसके तहत फेरबदल होंगे। शासन ने एक ही मंडल में दस वर्ष से जमे अधिकारियों को हटाने का निर्देश दिया है यह आदेश खंड शिक्षाधिकारियों पर लागू किया जा रहा है। 1प्रदेश में ऐसे शिक्षाधिकारियों की तादाद 96 है। यह हालात तब हैं जब पिछले साल ही निदेशालय की रिपोर्ट पर शासन ने बड़ी संख्या में फेरबदल किया था।
निदेशालय शासन की नीति के अनुरूप तबादला करने में कुछ बिंदुओं को लेकर ऊहापोह में है। शासन ने केवल दस फीसद अधिकारी व कर्मचारियों का फेरबदल करने का निर्देश दिया है, लेकिन खंड शिक्षाधिकारियों की संख्या दस फीसद से अधिक हो रही है।
उल्लेखनीय है कि सूबे में 1031 खंड शिक्षाधिकारियों के पद हैं उसके सापेक्ष करीब 850 अधिकारी तैनात हैं। इसे देखते हुए केवल 85 का तबादला हो सकता है। संख्या अधिक होने पर शासन से अलग से अनुमति लेनी होगी। तबादला सूची कुछ ही दिनों में जारी होने के आसार हैं, ताकि 30 जून तक कार्य पूरा हो जाए।
एक ही जिले में छह साल से जमे खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला होने के आसार बहुत कम
महकमा शासन से जिलों में छह साल पूरा कर चुके अफसरों को हटाने के लिए अनुमति मांगेगा। यदि आदेश मिला तो उस पर कार्रवाई होगी। यह मामला पूरी तरह से शासन के पाले में है।
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