यूपी में 15 हजार भर्ती में 17 जून को अभ्यर्थियों को एक और मौका : बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए निर्देश, यहीं क्लिक कर देखें ।
लखनऊ : यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में चल रही 15 हजार शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को एक और मौका 17 जून को दिया जाएगा। कई जिलों की चयन सूची में एक ही अभ्यर्थी का नाम कई जगह आ गया है। इन्हें हटा कर अन्य अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा।
📌 यहां क्लिक कर देखें - परिषदीय प्राथमिक विद्यालायों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के सम्बन्ध में आदेश-निर्देश जारी ।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं। ऐसा एक अभ्यर्थी के कई-कई आवेदनों की वजह से हुआ है। इसकी वजह से कई जिलों में एक ही अभ्थर्थी का नाम एक ही चयन सूची में चार-पांच जगह दिख रहा है। हालांकि परिषद ने निर्देश दिए थे कि यदि अभ्यर्थी ने एक से ज्यादा आवेदन किए हों तो उन्हें एक ही माना जाए और इसी के हिसाब से कट ऑफ जारी की जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
लिहाजा, अब ऐसे अभ्यर्थी का नाम हटाते हुए पात्र अभ्यर्थियों को 17 जून को प्रमाण पत्रों की जांच के लिए बुलाया जाएगा। इन अभ्यर्थियों को 14 जून को हुई पहली काउंसलिंग में शामिल माना जाएगा। इसके बाद ही चयन सूची तैयार होगी। इस प्रक्रिया के बाद 18 जून को जिलों की वेबसाइट पर रिक्त पदों का विवरण ऑनलाइन किया जाएगा और फिर 21 जून को दूसरी काउंसलिंग होगी।
बीएसए की कार्यशैली से परिषद की किरकिरी, प्रथम सूची संशोधित करने एवं 17 को फिर काउंसिलिंग का निर्देश जारी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : शिक्षकों की भर्ती जैसे अहम कार्य में भी बेसिक शिक्षा अधिकारी गंभीर नहीं है। स्पष्ट निर्देशों के बाद भी उनके मनमाने कार्य से बेसिक शिक्षा परिषद के साथ ही सूबाई सरकार की भी किरकिरी हुई है। प्रदेश के दस जिलों को छोड़कर बाकी लगभग सभी ने आंख मूंदकर कटऑफ सूची बनाकर जारी कर दी।
काउंसिलिंग के समय से शुरू हुई नाराजगी बुधवार को परिषद मुख्यालय तक जारी रही। आखिरकार परिषद सचिव संजय सिन्हा ने अर्ह युवाओं को मौका देने के लिए फिर से 17 जून को काउंसिलिंग कराने का निर्देश दिया है। इस पर अभ्यर्थी गदगद हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया नौ दिसंबर 2014 को शुरू हुई थी। उसके बाद से चार बार आवेदन लिए गए। साथ ही परिषद के निर्देश पर 2015 में एक बार काउंसिलिंग भी हो चुकी है। बार-बार आवेदन लेने में ऐसे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जिन्होंने कई बार आवेदन कर दिया। इसका पूरा एक्सल डाटा एनआइसी से परिषद को मिला और यहां से जिलों को इस निर्देश के साथ भेजा गया कि पुराने एवं नए डाटा को ठीक से मर्ज कर लिया जाए। पहली काउंसिलिंग में उन्हीं अभ्यर्थियों का कटऑफ जारी किया जाए जिन्होंने उस जिले को वरीयता दी है।
वहीं दूसरी काउंसिलिंग में सभी जिलों के अभ्यर्थी बुलाने का निर्देश था। इस निर्देश के बाद भी अधिकांश जिलों में एक्सल डाटा को ठीक से मर्ज नहीं किया गया। लिहाजा एक ही अभ्यर्थी ने यदि चार बार आवेदन किया तो उसे चार मानकर बुलाया गया। इससे कटऑफ बढ़ा और उसी जिले के तमाम अर्ह अभ्यर्थी पहली काउंसिलिंग में शामिल ही नहीं हो सके। ऐसी तमाम अनियमितताओं की पूरी फेहरिश्त परिषद मुख्यालय पर अभ्यर्थियों ने सौंपी है।
इस मामले में परिषद सचिव ने सभी जिलों के बीएसए को निर्देश दिया है कि वह प्रथम चयन सूची का परीक्षण कराएं और यदि एक से अधिक बार किसी अभ्यर्थी का नाम चयन सूची में है तो ऐसे अभ्यर्थियों के स्थान पर उसी जिले में आवेदन करने अर्ह अभ्यर्थियों को शामिल करें। यही नहीं इन अभ्यर्थियों की प्रथम काउंसिलिंग 17 जून को फिर से कराई जाए इसमें अभिलेखों का परीक्षण कराएं।
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