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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

बेसिक शिक्षा में ग्रीष्मावकाश में गांव-गांव सीटी बजाएंगे शिक्षक : शिक्षक अपनी निगरानी में कराएंगे मध्यान्ह भोजन, कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को स्कूल आना होगा

बेसिक शिक्षा में ग्रीष्मावकाश में गांव-गांव सीटी बजाएंगे शिक्षक : शिक्षक अपनी निगरानी में कराएंगे मध्यान्ह भोजन, कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को स्कूल आना होगा

कानपुर : स्कूलों में ग्रीष्मावकाश शनिवार से शुरू हो रहे हैं। कक्षा 01 से 08 के विद्यालयों में बच्चों को फिर भी स्कूल आना होगा और मध्यान्ह (मिड डे मील) भोजन करना होगा। शिक्षकों को अपनी निगरानी में यह काम कराना होगा। शिक्षकों को इसके अतिरिक्त भीषण गर्मी में बीएलओ, राशनिंग, समाजवादी पेंशन और खुले में शौच मुक्त गांवों बनाने जैसी ड्यूटी भी करनी होगी। इसके अतिरिक्त मई-जून में एक निजी एजेंसी सरकारी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए भी लगाई गई है। न करने पर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई तय है। सामान्य कर्मचारियों को 40 दिनों का अर्जित अवकाश मिलता है। पर शिक्षकों को इस अवकाश के ऐवज ग्रीष्मावकाश दिया जाता है। इस बार कानपुर नगर और ब्लाकों में परिषदीय विद्यालयों के दो लाख से अधिक छात्रों को पढ़ा रहे दस हजार से अधिक शिक्षकों को इस अवकाश का लाभ नहीं मिल सकेगा। पहली बार माध्यमिक शिक्षकों को भी इस परिधि में लाया गया है। आठवें तक यहां भी मिड डे मील और समाजवादी पेंशन जैसी व्यवस्था में ड्यूटी लगाई गई है।

बच्चों, नाना-नानी के घर न जाना : बच्चों, इस बार नाना-नानी के घर न जाना, स्कूल भोजन करने आना। परिषदीय विद्यालय में केवल तीन छात्र पाए जाने पर यहां के प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया। तेज गर्मी में बच्चे स्कूलों से कतरा रहे हैं। अब शिक्षकों से कहा गया है कि वे मई-जून में मिड डे मील खिलाएं। छात्र संख्या कम होने पर जवाबदेही शिक्षकों की होगी। ऐसे में शिक्षक बच्चों को मनाने में जुटे हैं।

डूयूटी तो करनी ही होगी : ग्रीष्मावकाश आते ही शिक्षक भी दो माह पहले से अपनों से मिलने के लिए रिजव्रेशन करा चुके हैं। बाहरी जनपदों से ड्यूटी करने आए शिक्षक अपने मां-बाप से मिलने जाने के इंतजार में हैं। पर इनके पास आ रहीं तरह-तरह की ड्यूटी ने इन्हें निराश कर दिया है। किसी के पास बीएलओ की ड्यूटी है तो किसी के पास राशनिंग की। समाजवादी पेंशन से जुड़े अन्य कामों में भी इन्हें लगाया जा रहा है। यह काम जून तक चलेगा। ड्यूटी करने से न करने पर क्या होगा, इसकी जानकारी भी इन्हें दे दी गई है।

खुले में शौच करे तो सीटी बजाओ : शिक्षकों को एक ऐसी ड्यूटी दी गई है जो सुबह पांच बजे से शुरू हो जाती है। यह ड्यूटी बिल्हौर से लेकर कानपुर तक गंगा के किनारे बसे स्कूलों के शिक्षकों की लगाई गई है। यदि वह किसी को खुले में शौच करते देखते हैं तो सीटी बजा कर इन्हें चेतावनी देंगे। इस ड्यूटी से भी शिक्षकों में नाराजगी है।

विरोध के स्वर भी उठे : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक नाराज तो हैं लेकिन अब तक खुले विरोध का साहस नहीं जुटा सके हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री मुजफ्फर हुसैन का कहना है कि सात जून से रमजान भी शुरू हो रहे हैं। ऐसी धूप में क्या रोजेदार कोई ड्यूटी कर पाएंगे। वैसे भी हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान होना चाहिए। तय हो चुका है कि कौन सी ड्यूटी करा सकते हैं और कौन सी नहीं। माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ नेता हेमराज सिंह गौर पहले ही इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कह चुके हैं।

’ प्राथमिक विद्यालय : 1597’ पूर्व माध्यमिक विद्यालय : 628’ शिक्षकों की संख्या : करीब 6000

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  1. 📌 बेसिक शिक्षा में ग्रीष्मावकाश में गांव-गांव सीटी बजाएंगे शिक्षक : शिक्षक अपनी निगरानी में कराएंगे मध्यान्ह भोजन, कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को स्कूल आना होगा
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/05/blog-post_570.html

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