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5 साल में रिन्यू हो टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) का सर्टिफिकेट : एचआरडी मिनिस्ट्री की हाई लेवल कमिटी की सिफारिश

5 साल में रिन्यू हो टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) का सर्टिफिकेट : एचआरडी मिनिस्ट्री की हाई लेवल कमिटी की सिफारिश

नई दिल्ली : क्वॉलिटी एजुकेशन और टीचर्स ट्रेनिंग में सुधार के लिए बनाई गई एचआरडी मिनिस्ट्री की कमिटी ने सिफारिश की है कि टीचर्स को टीचिंग प्रफेशन में बने रहने के लिए टीचिंग लाइसेंस हर पांच साल में रिन्यू करवाना होगा। टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) का सर्टिफिकेट हर पांच साल में रिन्यू कराने का नियम बनाया जाए। साथ ही कंपीटेंट टीचर्स की स्क्रीनिंग के लिए टीईटी नैशनल लेवल पर कराया जाए। एचआरडी मिनिस्ट्री ने हाईलेवल कमिटी नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एसीटीई) के रिव्यू के लिए बनाई थी। इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कई सिफारिशें की हैं। 

एक साल का ही हो एमएड : कमिटी ने कहा कि दो साल के बीएड के साथ दो साल के एमएड का विरोध हो रहा है। इसलिए एकेडमिक ईयर में 230 वर्किंग डेज के साथ एक साल का एमएड हो, एमएड एक ही एकेडमिक ईयर में पूरा हो जाए। यूनिट साइज 35 से 50 न की जाए, जिससे क्वालिटी प्रभावित न हो। साथ ही रेगुलेशन 2014 में बदलाव कर एमएड को ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड में भी ऑफर किया जाए उन्हें भी जो पहले से टीचर हैं। हालांकि ओडीएल से एमएड दो साल की होगी। कमिटी ने कहा है कि एक विकल्प यह है कि की तीन साल के एमएड को पॉपुलर किया जाए जिसमें बीएड भी शामिल हो। 

सैलरी कम बड़ी दिक्कत - कमिटी के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों में टीचर्स को बहुत कम सैलरी मिलती है और सरकारी इंस्टीट्यूट में भी गेस्ट फैकल्टी को रैगुरल फैकल्टी के मुकाबले महज 15% सैलरी मिलती है। स्टेट मशीनरी रीजनेबल फीस स्ट्रक्चर तय करें, जिसमें टीचर्स की सैलरी भी शामिल हो।

हर राज्य में दो यूनिवर्सिटी : कमिटी का सुझाव है कि हर राज्य में कम से कम दो टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी बनें। साथ ही हर जिले में कम से कम एक सरकारी टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (टीईआई) बने। इसमें उड़ीसा की तारीफ की है कि वहां हर जिले में ऐसा है और उड़ीसा ने सेल्फ फाइनेंसिंग टीईआई पर भी बैन लगाया है। यह भी कहा है कि NAAC में एक अलग से एक्रीडिटेशन और आरएंडडी सेल बनाई जाए जो टीईआई को एक्रीडिटेशन दे। एसीटीई में स्ट्रक्चरल चेंज की सिफारिश है।

12वीं के बाद पीजी डिग्री : कमिटी ने सुझाव दिया है कि 12 वीं के बाद पांच साल का प्रोग्राम शुरू हो जो एमएड की डिग्री दे और यह दूसरी मास्टर डिग्री के बराबर ही हो। पूरा प्रोग्राम टीचर के करियर पर फोकस हो। इसमें कोई एक्जिट ऑप्शन नहीं होगा ना ही दोहरी डिग्री होगी। इससे अभी के मॉडल की खामियां खत्म हो जाएंगी जो टीचर को नॉन कमिटेट बनाती हैं और ट्रेन्ड टीचर भी टीचिंग सहित कोई भी जॉब ऑप्शन ढूंढते हैं। 2020 तक पूरे देश में यह प्रोग्राम लागू करने का सुझाव है।

नैशनल लेवल एंट्रेस एग्जाम : कमिटी ने सुझाव दिया है कि टीचर एजुकेशन प्रोग्राम में एडमिशन के लिए नैशनल लेवल का एंट्रेस एग्जाम 'नैशनल एंट्रेस एग्जाम फॉर टीचर एजुकेशन' (NEETE) किया जाए। इस एग्जाम में जो टॉप रैंक के 2000 कैंडिडेट्स हों उन्हें केंद्र सरकार 5 हजार रुपये महीने का स्कॉलरशिप दे। सुनिश्चित हो कि कोर्स पूरा होते ही इन्हें टीचिंग पोस्ट मिल जाएगी।

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  1. 📌 5 साल में रिन्यू हो टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) का सर्टिफिकेट : एचआरडी मिनिस्ट्री की हाई लेवल कमिटी की सिफारिश
    👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/05/5_10.html

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