बच्चों को दो घूंट साफ पानी मयस्सर नहीं : आंगनबाड़ी में पेयजल का इंतजाम नहीं, प्रदेश के सवा लाख केंद्रों में से 27 हजार 982 में साफ पानी का इंतजाम नहीं
परवेज अहमद, लखनऊ : जल ही जीवन है। कल बचाओ-जल बचाओ! ऐसे बेशुमार नारे दीवारों से लेकर इश्तहारों तक में दिखते हैं। सूबे में पानी की किल्लत पर केंद्र व राज्य सरकार केबीच ‘रार’ ठनी है, मगर आंगनबाड़ी केंद्र जाने वाले मासूमों को दो घूंट साफ पानी मयस्सर कराने फिक्र तक नहीं है। प्रदेश के सवा लाख केंद्रों में से 27 हजार 982 में साफ पानी का इंतजाम नहीं है।
बच्चों का कुपोषण खत्म करने के लिए एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन), राज्य पोषण मिशन, बाल विकास एवं पुष्टाहार समेत कई महकमे अकूत धन खर्च कर रहे हैं, मगर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए साफ पानी तक का इंतजाम नहीं है। सुदूर जिले नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व सांसद डिंपल यादव, समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, राज्य के संसदीय क्षेत्रों से निर्वाचित होकर केंद्र में मंत्री का ओहदा संभाल रहे आधा दर्जन मंत्रियों के क्षेत्र में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र भी पानी बिन सून है।1चिकित्सा विशेषज्ञ गंदे पानी को कुपोषण की मुख्य वजहों में शुमार करते हैं, बावजूद इसके आंगनबाड़ी केंद्रों में बमुश्किल उपलब्ध होने वाला पानी भी साफ नहीं होने से वह कई तरह की बीमारियों के शिकार होते हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चे कब किस बीमारी के शिकार हुए, इसका कोई डेटा नहीं होता। 1ऐसे में यह पता करना संभव नहीं कि साफपानी नहीं मिलने बच्चे बीमारी के शिकार हो रहे हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.वी.एन त्रिपाठी कहते हैं कि बच्चों को साफ पानी नहीं मिलने पर पेट की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। कुपोषित बच्चों को साफ पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक आनंद कुमार सिंह का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में साफ पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।जिला संसदीय क्षेत्र पेयजल नहीं ।
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📌 बच्चों को दो घूंट साफ पानी मयस्सर नहीं : आंगनबाड़ी में पेयजल का इंतजाम नहीं, प्रदेश के सवा लाख केंद्रों में से 27 हजार 982 में साफ पानी का इंतजाम नहीं
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