जल संरक्षण में अहम कड़ी बनेंगे नौनिहाल : परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्रओं को जल दोहन से होने वाली हानियों से कराया जाएगा परिचित, संक्रमित बिमारियों के मद्देनजर यूनीसेफ ने बच्चों के स्वास्थ्य की प्रगति रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद : जल संकट एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है। जल का दोहन कम से कम हो इसलिए केंद्र सरकार ने पहल की है। अब परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्रओं को जल दोहन से होने वाली हानियों से परिचित कराया जाएगा। जल दोहन कम से कम करने के लिए अनोखी कक्षा भी चलेगी जिसमें जल संरक्षण के उपाय बताएंगे।
परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को शुरूआती दौर से जल संरक्षण के मुद्दे पर जागरूक किया जाएगा, ताकि वह जल की महत्ता को समझ सकें। विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए जल संरक्षण के मुद्दे पर अलग से कक्षा लगाई जाएगी। जल संरक्षण व दोहन से होने वाले नफा और नुकसान को पोस्टर, चित्र के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया जाएगा, जिससे भावी पीढ़ी को जल की महत्ता का पता चल सके। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अफसर बच्चों से जल संरक्षण व दोहन से होने वाले फायदे और हानि के बारे में प्रश्न पूछेंगे। ताकि यह जानकारी हासिल हो सके कि शिक्षकों ने विभागीय आदेश का कितना पालन किया और उन्होंने जल संरक्षण की कक्षा में छात्र-छात्रओंको क्या सिखाया और बच्चों ने कितना ग्रहण किया। जू. हाईस्कूल के बच्चों की निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराने की योजना भी बनाई गई है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार ने बताया कि बच्चों को जल संरक्षण का पाठ पढ़ाने के संबंध में समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। स्कूलों के निरीक्षण के दौरान क्या पढ़ाया और क्या जानकारी दी गई है, इसकी पड़ताल भी की जाएगी।
इलाहाबाद : अब शिक्षकों को छात्र-छात्रओं के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा, जिससे विद्यार्थी संक्रमित बीमारी की चपेट में न आएं। मिड डे मील खाने के पहले कितने विद्यार्थियों ने हाथ धोया इसका ब्योरा भी देना होगा। परिषदीय स्कूल के बच्चों को अब स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। संक्रमित बीमारियों से विद्यार्थियों को बचाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए यूनिसेफ स्कूलों को एक रजिस्टर उपलब्ध कराएगा जिसमें हर विद्यार्थी की उम्र, कक्षा समेत कई बिंदुओं पर शिक्षकों को ब्योरा भरना होगा। पाक्षिक ब्योरा संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध कराना होगा। इसकी रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रलय भेजी जाएगी।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार ने बताया कि अक्सर छात्र-छात्रएं मिड डे मील खाने के पहले अपने हाथ नहीं धुलते हैं। इससे संक्रमित बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। स्कूल नहीं आने से उनकी पढ़ाई बाधित होती है। इन्हीं मुद्दों के मद्देनजर यूनीसेफ ने बच्चों के स्वास्थ्य की प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
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