ब्लाकों पर अब वॉश मॉडल स्कूल : एससी-एसटी व अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक के स्कूलों का होगा चयन, जिले के तीन स्कूलों को निर्मल विद्यालय के तहत होगा चुनाव
मुरादाबाद : बात छोटी लेकिन मतलब दूरगामी है। आज भी तमाम गांवों में स्वच्छता को लेकर निष्क्रियता जाने अनजाने मासूमों को बीमारी की दलदल में धकेल रही है। इससे बचा जा सकता है, यदि मासूमों को स्वच्छता से जोड़ा जाए। केंद्र सरकार के निर्देश पर सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य परियोजना कार्यालय ने इसकी पूरी रूपरेखा तय कर दी है।
योजना में जिले के एससी एसटी व अल्पसंख्यक बाहुल्य दो-दो ब्लाकों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल को शामिल किया जाना है। इन स्कूलों को वॉश मॉडल स्कूल का नाम दिया गया है। प्रयोग सफल होने पर इसे बाकी स्कूलों में भी लागू किया जाना तय है। इन स्कूलों के लिए बजट का भी आवंटन जिले को कर दिया गया है।
नवाचार कार्यक्रम के तहत स्वच्छ विद्यालय व बाल स्वच्छता मिशन में प्रत्येक जनपद को 4 लाख 97 हजार रुपये मिलने हैं। चयनित स्कूलों में बालक और बालिकाओं के लिए अलग अलग शौचालय जरूरी हैं। पानी के लिए ओवरहेड टैंक तथा साबुन के साथ ही पीने के लिए सुरक्षित पेयजल होना अनिवार्य है। मिड डे मील से पहले एक साथ दस से बारह बच्चों के समूह के हाथ धोने की व्यवस्था इस योजना के तहत की जानी है। इसके अलावा नियमित सफाई के लिए सफाई कर्मी की नियुक्ति का भी निर्देश मिला है। संचालन का जिम्मा विद्यालय प्रबंध समिति का होगा। देखरेख नोडल अध्यापक या अध्यापिका द्वारा की जाएगी।
प्रार्थना के समय स्वच्छता की जरूरत, महत्व की चर्चा, स्वच्छता शपथ दोहराना और स्वच्छता समाचार स्लोगन को पढ़ना व सुनाना भी होगा। बाल संसद व मीना मंच की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए अध्यापकों की निगरानी में हाथ धोना अनिवार्य किया गया है। वॉश मॉडल स्कूलों में इसके लिए बीडीओ, बीईओ और जिला समन्वयक द्वारा नियमित अंतराल पर ट्रेनिंग देने के साथ ही एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम भी स्कूल में होना है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुन्ने अली ने बताया कि इन स्कूलों में बच्चों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता लाने का प्रयास होगा। जल्द ही चयनित स्कूलों का नाम संस्तुति के लिए भेजा जाएगा।
तीन स्कूल बनेंगे निर्मल
जिले के तीन स्कूलों को निर्मल विद्यालय के तहत चुना जाना है। चयनित स्कूलों को नकद धनराशि दी जानी है। इसके तहत प्रत्येक जिले को 37,200 रुपये मिलेंगे, जिसे स्कूलों में बराबर-बराबर बांटा जाएगा। वही विद्यालय इस दौड़ में होंगे जिनके पास ओवरहेड टैंक तथा शौचालय में पाइप लाइन से जलापूर्ति, बालिका टॉयलेट, समूह में हाथ धोने की सुविधा तथा दीवारों पर स्वच्छता के स्लोगन लिखे हों।
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