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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

कमीशन के चक्कर में दो गुने किये जाते हैं स्कूल यूनीफार्म के दाम पकड़ी गयी आठ करोड़ की टैक्सचोरी, दस्तावेज सीज, स्कूल यूनीफार्म की फैक्ट्रियों पर छापा मारते वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारी।

कमीशन के चक्कर में दो गुने किये जाते हैं स्कूल यूनीफार्म के दाम पकड़ी गयी आठ करोड़ की टैक्सचोरी, दस्तावेज सीज, स्कूल यूनीफार्म की फैक्ट्रियों पर छापा मारते वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारी।

🌑 स्कूल यूनीफार्म की फैक्ट्रियों पर छापा मारते वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारी।

🌑 यूनीफार्म कारोबारियों पर कसा वैिक ,चार स्थानों पर छापे

🌑 हर साल बदली जाती हैं बच्चों की यूनीफार्म
ऐसे होता है टैक्सचोरी का खेल

लखनऊ। कमीशनखोरी के चक्कर में निजी स्कूल हर पैतरा आजमा रहे हैं। नया सत्र शुरू होते ही स्कूल यूनीफार्म बनाने वाली फम्रे स्कूलों से सम्पर्क करती हैं और स्कूल ड्रेस पर अधिक से अधिक कमीशन तय किया जाता है, जो फर्म सबसे अधिक कमीशन देने को तैयार होती है यूनीफार्म सप्लाई का काम उसी को दे दिया जाता है। महानगर के एक निजी स्कूल ने इस वर्ष भी बच्चों की यूनीफार्म बदल दी, जिससे अभिभावकों पर दो हजार से भी अधिक का बोझ पड़ गया। कई अभिभावकों ने इसकी शिकायत वाणिज्यकर आयुक्त से की इस पर यह कार्रवाई शुरू हुई।लखनऊ। यूनीफार्म पर टैक्सचोरी करने के लिए कारोबारियों द्वारा एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम पर अलग-अलग फम्रे पंजीकृत करायी जाती है। यूपी में बिना सिला कपड़ा कर मुक्त है इसलिए एक फर्म थान के थान कपड़ा खरीदती है और जो फर्म इसकी सिलाई करती है वह इसे जॉब वर्क दिखाती है यानी टेलर की दुकान की तरह अलग-अलग लोगों द्वारा नाप देकर सिलाई कराया जाना यह भी कर मुक्त है, लेकिन तैयार होने वाली यूनीफार्म पर अभिभावकों से पूरा टैक्स लिया जाता है, जिसे स्कूल संचालकों को कमीशन के रूप में दे दिया जाता है। जोनल एडीशनल कमिश्नर ने स्कूलों में यूनीफार्म की बिक्री करने वाले निजी स्कूलों की भी सूची तैयार करने के निर्देश दिये हैं।

लखनऊ (एसएनबी)। शैक्षिक सत्र में निजी स्कूल व यूनीफार्म कारोबारी मिलकर अभिभावकों को ही नहीं प्रदेश सरकार को भी भारी चपत लगा रहे हैं। कमीशन खोरी के चक्कर में सामान्य स्कूल ड्रेस के दाम भी दो गुने से भी अधिक हो गये हैं। टैक्स चोरी में संलिप्त ऐसे कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए वाणिज्यकर विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत शनिवार को आठ टीमों ने चार स्थानों पर छापे मारकर आठ करोड की भारी टैक्स चोरी का खुलासा किया है। कार्रवाई के दौरान टीम को 80 से अधिक कारीगर मौके पर काम करते मिले, और बड़ी मात्रा में तैयार स्टाक मिला है। जांच टीम ने मौके पर कच्चे माल की खरीद से जुड़े तमाम दस्तावेज भी सीज किये हैं, जिनमें पता चला है कि शहर के दो दर्जन से भी अधिक स्कूलों के लिए यूनीफार्म बनाकर सप्लाई की जा रही थी। विभाग के 40 अधिकारियों की टीम जब पुलिस के साथ अमीनाबाद, अशर्फाबाद की गलियों में दौड़ते हुए घुसी तो अफरा-तफरी मच गयी और लोगों ने अपने घरों के दरवाजे तक बंद कर लिया, लोग इसे अपराधिक घटना मानकर सहम गये। वाणिज्यकर विभाग की विशेष जांच टीम एसआईबी ने शनिवार को अतिसंवेदनशील कहे जाने वाले अमीनाबाद की हैदरी मार्केट, प्रताप मार्केट, अशरफाबाद व अलीगंज क्षेत्र में चलने वाली यूनीफार्म की फैक्ट्रियों पर एक साथ छापा मारा। जोनल एडीशनल कमिश्नर डा. बुद्धेशमणि को इन फर्मो द्वारा कम बिक्री दिखाकर टैक्स चोरी किये जाने की सूचना मिली थी। दोपहर 12.30 बजे के करीब भारी पुलिस बल के साथ आठ टीमों को रवाना किया गया। एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में एक टीम ने अशर्फाबाद की सकरी गली में चार मंजिल के मकान में चलने वाली रिंकू ड्रेसेस नाम की फर्म पर छापा मारा। उक्त फैक्ट्री इतनी घनी आबादी वाले क्षेत्र में चल रही थी, कि अधिकारियों को वाहन दूर खड़े करके पैदल ही जाना पड़ा। यहां मौके पर 25 कारीगर 28 सिलाई मशीनों पर काम करते मिले और दस किलो वाट का बिजली कनेक्शन मिला। वहीं दूसरी टीम ने डिप्टी कमिश्नर डा. शिव आसरे सिंह के नेतृत्व में अलीगंज में चलने वाली श्री राधे होजरी पर छापा मारा। यहां टीम को सबसे अधिक स्टाक मिला, छापे के दौरान 25 सिलाई मशीन, 33 कारीगर कार्य करते पाए गए। यहां टी शर्ट, स्वेटर, हाफ पैंट, ट्राउजर के अलावा 180 बोरी रिजेक्ट टी शर्ट 200 पीस पैकिंग मैटीरियल 912 किलो तथा पैकिंग पेपर 35 केजी पाया गया। इसी तरह अमीनाबाद की हैदरी मार्केट रिंकू यूनीफार्म व प्रताप मार्केट में रिंकू वियर्स में असिस्टेंट कमिश्नर मो. नाजिम, सुनीति रंजन शर्मा, वाणिज्यकर अधिकारी विकास द्विवेदी व अनुभव सिंह ने खण्ड अधिकारियों के साथ मिलकर कार्रवाई की।
स्कूल यूनीफार्म की फैक्ट्रियों पर छापा मारते वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारी।

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