कोर्ट के आदेश ताक पर, 33 प्रतिशत शिक्षक BLO ड्यूटी में : प्रशासन ने जारी किया निर्देश, कल से शुरू होगी ट्रेनिंग
लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूल पहले ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। अब जिला प्रशासन के नए आदेश ने फिर से स्कूलों के साथ-साथ शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सुप्रीम कोर्ट व इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि शिक्षकों को शिक्षण कार्य से अलावा अन्य किसी कार्य में नहीं लगाया जाए। इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से शहर के सरकारी स्कूलों के लगभग 33 प्रतिशत शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी में लगा दिया गया है। इसकी ट्रेनिंग 2 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। हालांकि आदेश में यह भी लिखा गया कि यह कार्य शिक्षक स्कूल के बाद करें। वहीं, शिक्षकों के मुताबिक, जब स्कूल से दूर ड्यूटी लगी है तो स्कूल के बाद क्षेत्र में पहुंचने पर ही शाम हो जाएगी। ऐसे में ड्यूटी कब करेंगे। मजबूरी के कारण स्कूल आधे समय में ही छोड़ना पड़ेगा। वहीं, 13 मार्च को डीएम ने इस संबंध में कोर्ट में अपना पक्ष रखा है।
विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची दुरुस्त करने के लिए लखनऊ के प्राइमरी स्कूलों के 1300 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जबकि शहर के 1200 प्राइमरी स्कूलों में लगभग 3 हजार 900 शिक्षक हैं। ऐसे में शहर के 33 प्रतिशत शिक्षक ड्यूटी पर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में शिक्षकों को शिक्षण कार्य से अलावा अन्य किसी कार्य में नहीं लगाने का निर्णय सुनाया था। इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर ड्यूटी लगाई गई। पूर्व में शिक्षकों ने इस पर हाई कोर्ट में रिट दायर भी दायर की थी। इसमे हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आठ जुलाई को और इससे पहले इलाहाबाद खंडपीठ ने भी शिक्षकों के हक में जजमेंट दिया था।
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