15 हजार शिक्षक भर्ती का मामला : छह दिन में फिर से काउंसिलिंग कराने एवं छह सप्ताह में सारी प्रक्रिया पूरी करने का दिया आदेश, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का आदेश बेसिक शिक्षा सचिव को सौंपा
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में 15 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होने के आसार हैं। हाईकोर्ट ने भर्ती के लिए छह दिन में फिर से काउंसिलिंग कराने एवं छह सप्ताह में सारी प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। इस शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने बुधवार को हाईकोर्ट के इस आदेश को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को सौंपकर जल्द अनुपालन का अनुरोध किया है।
परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए नौ दिसंबर 2014 को शासनादेश जारी हुआ था। उसके बाद परिषद को भर्ती की वेबसाइट चार बार आवेदन लेने के लिए खोलनी पड़ी। हर बार अलग वर्ग के युवाओं को मौका दिया गया। तीसरी बार आवेदन लेने के बाद काउंसिलिंग भी हुई, लेकिन शासन ने चौथी बार सबके लिए फिर वेबसाइट खोलने का आदेश दिया तो कुछ अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने चौथी बार की काउंसिलिंग पर रोक लगाने के साथ ही पूरी प्रक्रिया जहां की तहां रोकने को कहा था। भर्ती के दावेदारों ने बुधवार को एक पत्र एवं हाईकोर्ट लखनऊ बेंच का आदेश परिषद सचिव को सौंपा है। इसमें कहा गया है कि महेंद्र प्रताप सिंह व सात अन्य प्रकरण का अंतिम आदेश आ गया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश पर जल्द अमल किया जाए।
हाईकोर्ट ने प्रदेश में शिक्षकों की जल्द भर्ती का दिया आदेश
लखनऊ । छात्रों को शिक्षित करने के संवैधानिक उत्तरदायित्वों को पूरा करने के लिये प्रदेश में शिक्षकों को जल्द से जल्द भर्ती जरूरी है। इस कारण यह सभी के हित में है कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर ली जाये। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही प्रदेश में सहायक शिक्षकों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
अदालत ने सरकार और शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि वह आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के छह सप्ताह के भीतर चयन प्रक्रिया की पूरी कर शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश जारी करें। सरकार इसके लिये एक सप्ताह के भीतर अपना नया शेड्यूल जारी कर सकती है।
न्यायमूर्ति राजन राय की एकल पीठ ने उक्त फैसला महेन्द्र प्रताप सिंह व सात अन्य तथा अभिनव सिंह व चार की ओर से दायर याचिका को अंतिम रूप से निपटारा करते हुये सुनाया। हालांकि अदालत ने पूर्व में जारी अंतिम आदेश को निरस्त करते हुये याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है लेकिन इसीके साथ फैसले में यह भी कहा है कि इससे याचिकाकर्ताओं के हित की कोई क्षति नहीं पहुंचेगी। क्योंकि नियमानुसार चयन प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
अदालत ने यह भी कहा है कि बीटीसी, बीएड, डीएड तथा अन्य वर्ग के अलग-अलग विद्यार्थियों की नियुक्ति में समानता का अवसर प्रदान करने के इरादे से सरकार ने उनके फार्म जमा करने की तथा उनके चयन के संदर्भ में अलग-अलग तिथियां नियत की। इसके पीछे सरकार का कोई दुर्भावना प्रतीत नहीं होता है। यह भी जरूरी है कि सूबे में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की भर्ती के लिये चयन प्रक्रिया और अन्य मुद्दों को लेकर इलाहाबाद और लखनऊ पीठ ने अलग-अलग याचिका दायर हुईं और कई आदेश पारित हुये जिनके पालन में सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी।
साभार : हिन्दुस्तान
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📌 15 हजार शिक्षक भर्ती का मामला : छह दिन में फिर से काउंसिलिंग कराने एवं छह सप्ताह में सारी प्रक्रिया पूरी करने का दिया आदेश, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का आदेश बेसिक शिक्षा सचिव को सौंपा
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📌 15 हजार शिक्षक भर्ती का मामला : छह दिन में फिर से काउंसिलिंग कराने एवं छह सप्ताह में सारी प्रक्रिया पूरी करने का दिया आदेश, अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का आदेश बेसिक शिक्षा सचिव को सौंपा
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