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एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग की समस्त सूचनाएं एक साथ

शिक्षा का अधिकार कानून तथा सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बावजूद देश भर में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर

शिक्षा का अधिकार कानून तथा सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बावजूद देश भर में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर

नई दिल्ली (भाषा)। शिक्षा का अधिकार कानून तथा सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के बावजूद देश भर में बड़ी संख्या में बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं। हालांकि सरकार के पास यह आंकड़ा नहीं है कि कितने बच्चे पारिवारिक कारणों या काम करने की वजह से स्कूल नहीं जाते हैं। लोकसभा में सोमवार को कुछ सदस्यों ने यह सवाल उठाते हुए कहा था कि हाल ही में राज्यसभा में सरकार ने बताया था कि 60 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा के दायरे से बाहर हैं। सदस्यों ने कहा था कि ऐसी खबरें हैं कि इनमें से काफी बच्चे पारिवारिक कारणों या काम करने की वजह से स्कूल नहीं जा पाते। सरकार इस दिशा में क्या कर रही है। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि पारिवारिक कारणों या काम की वजह से स्कूल नहीं जा पाने वाले बच्चों का आंकड़ा मानव संसाधन विकास मंत्रालय नहीं रखता है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भी बताया है कि वे भी ऐसा कोई आंकड़ा नहीं रखते हैं। 

उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2010 से लागू छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून में बच्चों को अनिवार्य प्राथमिका शिक्षा का प्रावधान किया गया है। बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन कानून 1986 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी करने को निषेध करता है। स्मृति ने कहा कि बच्चों को अधिक से अधिक शिक्षित बनाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लागू होने के बाद से 11.40 लाख बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने राज्यसभा में बताया था कि मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014 में कराए गए एक स्वतंत्र सव्रेक्षण के अनुसार, छह से 13 साल की आयु समूह में स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या 60.64 लाख थी। 

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि स्कूल न जाने वाले इन बच्चों में से सर्वाधिक 16,12,285 बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं। बिहार में 11,69,722 बच्चे, पश्चिम बंगाल में 3,39,239 बच्चे, मध्य प्रदेश में 4,50,952 बच्चे, राजस्थान में 6,01,863 बच्चे, ओड़िशा में 4,01,052 बच्चे और गुजरात में1,59,308 बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। स्मृति ने बताया था कि स्कूल न जाने वाले बच्चों में से 19,66,029 बच्चे अनुसूचित जाति के, 10,07,563 बच्चे अनुसूचित जनजाति समुदाय के, 15,57,099 बच्चे मुस्लिम समुदाय के, 62,698 बच्चे ईसाई समुदाय के और 42,016 बच्चे अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।
    

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