देश के बजट की एक बड़ी योजना के आधे के बराबर यूपी के युवाओं की रकम नौकरी के आवेदनों में डम्प : एक-एक अभ्यर्थी ने 35 से 40 हजार रुपए तक खर्च किया
इलाहाबाद। देश के बजट की एक बड़ी योजना के आधे के बराबर यूपी के युवाओं की रकम नौकरी के आवेदनों में डम्प है। केन्द्र सरकार ने एससी-एसटी वर्ग में उद्यमिता विकास के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है जबकि युवाओं के लगभग 300 करोड़ रुपए दो भर्तियों की फीस में सालों से फंसे हुए हैं।
दोबारा आवेदन ने फंसाया: दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के लिए सपा सरकार ने एकेडमिक मेरिट पर जब दोबारा आवेदन मंगाया तो एक-एक अभ्यर्थी ने 35 से 40 हजार रुपए तक खर्च किया। बेसिक शिक्षा परिषद को लगभग 280 करोड़ सिर्फ आवेदन फीस के रूप में मिले जो अब तक रखे हुए हैं।
हजारों ने भरे फार्म: टीजीटी-पीजीटी 2011 के आवेदन में भी 20 करोड़ रुपए के आसपास की फीस फंसी हुई है। प्रशिक्षित स्नातक के 1479 पदों के लिए 3,34,967 और प्रवक्ता के 393 पदों के लिए 1,99,813 अभ्यर्थियों ने फार्म भरे थे।
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