मीना की दुनिया (Meena Ki Duniya) - रेडियो प्रसारण, एपिसोड 74 । कहानी का शीर्षक - 'डर का राज'
मीना की दुनिया - रेडियो प्रसारण,
एपिसोड 74
आज की कहानी का शीर्षक - 'डर का राज'
‘करे जो बच्चा गलती’
आकाशवाणी केन्द्र - लखनऊ
दिनांक 10/2/2016 समय 11:15 से 11:30 तक
मीना स्कूल में पहाड़े का खेल, खेल रही है।
19 का पहाडा पड़ते हुए 19, 38, 57, .........................., 190
शिखा पहाडा पूरा करती है। शिखा, जो कुछ दिन पहले ही गाँव में आयी है। मीना ,शिखा को अपना और दोस्तों का परिचय देते हुए शिखा को बड़े मैदान मे खेलने के लिए आमंत्रित करती है। शिखा रोज शाम को खेलने जाने लगती है।
और फिर एक दिन क्लास में.....
बहिन जी बताती हैं कि हर साल जिले में गणित की एक परीक्षा होती है जिसे ओलंपियाड कहते हैं जिसमे गणित की सबसे होशियार छात्रा- शिखा प्रतिभाग करेगी। लेकिन शिखा तो 3-4 दिन से स्कूल आ ही नहीं रही।
स्कूल की छुट्टी के बाद मीना, राजू और बहिन जी शिखा के घर पहुंचते हैं, वहां पता चलता है की शिखा तो रोज घर से स्कूल के लिए निकलती है। बहिन जी जब पूरी बात शिखा की माँ को बताती हैं तो वह घबरा जाती है, वह कहती हैं जब भी शिखा उदास होती है तो नदी किनारे बैठने चली जाती है।
(मीना और राजू नदी की ओर जाते हैं।)
शिखा को वहां बैठा देख, मीना उससे उदासी का कारण पूंछती है। लेकिन वह बात टाल जाती है। मीना को लालाजी की दुकान से घर का थोडा सामान भी लेना है।
(और लाला की दुकान पर हिसाब जोड़ते समय)
शिखा- 65+30=----80..---???
मीना राजू से कहती है की ये शिखा दीदी को क्या हो गया है वो तो गणित में कितनी होशियार थीं। वह अब आसान सा हिसाब भी नहीं जोड़ पा रहीं हैं। मीना के फिर परेशानी का कारण पूंछने पर शिखा नहीं बताती।
...और फिर शिखा के घर पर
शिखा- मैं अब स्कूल नहीं जाउंगी माँ।
बहिन जी- क्या बात है शिखा? स्कूल में किसी ने कुछ कहा क्या?
शिखा -(रोते-रोते) कुछ दिन पहले गणित का सवाल करते हुए मुझसे जरा सी गलती हो गयी तो मास्टर जी ने मुझे सबके सामने बेबकूफ कहा और डेस्क के ऊपर खड़ा कर दिया।
बहिन जी समझाती हैं कि मुश्किल मुंह छिपाने से नहीं सामना करने से हल होती है। और इस काम में, मैं तुम्हारी मदद करुँगी।
(बहिन जी शिखा को लेकर मास्टर जी से मिलने जाते हैं)
बहिन जी ने अन्दर जाकर मास्टर जी को सारी बात से अवगत कराया। लेकिन मास्टर जी का मानना है कि बच्चा गलती करेगा तो सजा तो मिलेगी न। बहिन जी समझाती हैं कि बच्चों को सजा देने से, हाथ उठा देने से वे सहम जाते हैं, घबरा जाते हैं और उनका आत्मविश्वास खो जाता है।
मास्टर जी को गलती का अहसास होता है, वह शिखा को अन्दर बुला कर माफी मांगते है|। उस दिन के बाद मास्टर जी ने किसी बच्चे को न डांटा न हाथ उठाया।
एक महीने बाद....... ओलंपियाड में शिखा पहले नंबर पर आयी।
आज का गीत
1 Comments
📌 मीना की दुनिया (Meena Ki Duniya) - रेडियो प्रसारण, एपिसोड 74 । कहानी का शीर्षक - 'डर का राज'
ReplyDelete👉 http://www.basicshikshanews.com/2016/02/meena-ki-duniya-74.html