मीना की दुनिया (Meena Ki Duniya) - रेडियो प्रसारण, एपिसोड - 73 कहानी का शीर्षक- 'दीपू बना मॉनिटर'
मीना की दुनिया - रेडियो प्रसारण,
एपिसोड - 73
दिनांक -9/2/2016
आकाशवाणी केन्द्र - लखनऊ समय 11:15 से 11:30 तक
आज की कहानी का शीर्षक- 'दीपू बना मॉनिटर'
‘जिम्मेदारी का एहसास’
मीना अपनी कक्षा में है। दीपू, मोनू को तंग कर रहा है। मोनू की आँखों में आंसू आ जाते हैं। मोनू की आँखों में आंसू देखकर, मीना कारण जानना चाहती है,....... और बहिन जी से शिकायत करने को कहती है। मोनू बताता है कि दीपू ने शिकायत करने पर पीटने की धमकी दी है।
मीना- जो भी बात है मैं उसका पता लगा के रहूंगी।
सुमी से मीना को सारी बात पता चलती है, फिर मीना मोनू के पास बैठ गयी....... ..और उसे बहिनजी से शिकायत करने को ले जाने लगती है। लेकिन मोनू मना कर देता है। मीना दीपू को समझाने जाती है।
(दीपू फिर से बच्चों को परेशान कर रहा है)
मीना- दीपू!
दीपू- क्या ?
मीना- तुमने मोनू को फिर तंग किया?
लेकिन दीपू समझने को तैयार ही नहीं है। उलटे मीना के ऊपर पानी से भरा गुब्बारा फ़ेंक देता है।
मीना, सुमी और उसके दोस्त दीपू को सबक सिखाने की योजना बना रहे हैं............लेकिन बहिन जी सब सुन लेती हैं। वह समझाती हैं की तुम जो तरीका सोच रहे हो वह सही नहीं है। अगर दीपू तुम्हें परेशान कर रहा है तो इसका मतलब ये नहीं है कि तुम भी वही करो।
कोई भी धौंस तभी दिखाता है जब दूसरे के मन में डर हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ऐसी स्थिति में हिंसा का रास्ता अपनाएं। ये बात सिर्फ दीपू के बारे में नहीं है, यदि कोई स्कूल में या बाहर कोई डराये या धमकाए तो इसकी शिकायत अपने टीचर या माता-पिता से करनी चाहिए ...... .....और बहिन जी बच्चों से वादा लेती है कि ऐसी कोई बात जरूर बताएगा।
बहिन जी कक्षा में एक नया नियम बना देती हैं...हर महीने सब में से एक बच्चा चुना जायेगा जो कक्षा का मॉनिटर होगा और बहिन जी दीपू को पहला मॉनिटर चुन देती हैं। बहिन जी दीपू को मॉनिटर को जिम्मेदारियां बताती हैं जैसे-
🌑 हर बच्चे को सम्मान मिले जैसे कोई किसी को ओए, अबे करके न पुकारे।
🌑 कोई किसी की चीज न छीने।
🌑 कोई बच्चा शोर शरारत न करे।
🌑 आज से अपने कक्षा के सभी साथियों की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
मीना और उसके दोस्त, बहिन जी से जानना चाहते है कि दीपू को मॉनिटर क्यों बनाया? बहिन जी समझाती है कि दीपू को हम सब के साथ की जरूरत है। अब तुम्हारा ध्यान रखना उसकी जिम्मेदारी है, पूरी कक्षा उसका साथ देगी और तुम सब उसके दोस्त बन जाओगे, तो दीपू को अपने आप ही एहसास होगा कि उसे तुम पर धौंस दिखाने की जरूरत नहीं है।
अगले हफ्ते ही बहिन जी अनुभव सही साबित हुआ और दीपू को अपनी जिम्मेदारी का एहसास हुआ।
आज का गीत
स्कूल बड़ा ही मज़ेदार है मिलते सारे दोस्त यार हैं,
साथ में पढ़ते साथ खेलते करते सबसे प्यार हैं। -2
साथ स्कूल हम जाते साथ ही वापस आते ,
कभी जो रूठे दोस्त कोई मिलकर उसे मानते।
दोस्त को हो जब अपनी जरूरत रहते हम तैयार हैं।
साथ में पढ़ते साथ खेलते करते सबसे प्यार हैं। -2
खूब मज़ा हम करते खेल-खेल में लड़ते,
लेकिन किसी दोस्त को अपने तंग कभी न करते।
साथ में पढ़ते साथ खेलते करते सबसे प्यार हैं। -2
आज का खेल- ‘कौन बोला बोल’
(टेप रिकॉर्डर से आवाज़ सुनाई जाती है)
वो एक आवाज़ कौन सी है जो बाकि सब आवाजों से अलग है ----
१) मैं..मैं...मैं... @ बकरी
२) कु कू डू-कु @ मुर्गा
३) दहाड़.... @ शेर
४) म्हा...म्हा @ गाय
जो सबके साथ समूह में नहीं आ सकता-
शेर
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