मीना की दुनिया(Meena Ki Duniya)-रेडियो प्रसारण एपिसोड-68 । कहानी का शीर्षक- “क्यों न ऐसा करें”
मीना की दुनिया-रेडियो प्रसारण
एपिसोड-68
दिनांक-01/02/2016
आकाशवाणी-लखनऊ समय 11:15 से 11:30 तक
आज की कहानी का शीर्षक- “क्यों न ऐसा करें”
मीना मिट्ठू को डांट रही है तभी रानों वहाँ आ जाती है और मीना से मिट्ठू को डांटने का कारन पूंछती है तब मीना बताती है की मिट्ठू हमारे घर के सामने वाली सन्नो चाची के घर से ये मिट्ठू उनका हार उठा लाया है। रानो कहती है तो तुमने उसे रोका क्यों न मीना बताती है की उस समय मई घर की साफ सफाई कर रही थी। रानो कहती है की इसमें परेशानी की क्या बात है तुम हार को फिर से सन्नो चाची के घर में रख दो। मीना बताती है कि परेशानी की बात तो ये ही है वो हर मिट्ठू ने पेड़ की दल में फंसा दिया है और उस पेड़ की दल इतनी कमजोर ही की उस पर चढ़ा भी न जा सकता और मिट्ठू भी उसे नहीं निकल पा रहा।
तब रानो मीना को पत्थर फेक कर हार में निशाना लगाने की युक्ति देती है जो मीना को पसंद भी आती है और फिर मीना और रानो पत्थर से निशाने लगाते है। मीना का एक पत्थर सही निशाने में लग जाता है और हार जमीं में आ कर गिर जाता है। हार को मीना और रानो हार को सन्नो चाची के घर की खिड़की से घर के अन्दर डाल देते है।
......पर उस खिड़की से कोई सन्नो चाची के घर में न घुस जाये और वो हार व् अन्य सामानों की चोरी न कर ले जाये इस लिए मीना और रानो वहीं पास के पेड़ के नीचे बैठ कर सन्नो चाची का इंतजार करते हैं।
सन्नो बातो बातो में बताती है की उसे किताब के पाठ याद नहीं होते। ये पोषण पाठ को ही देखो 3 दिन से याद कर रही हूँ पर याद ही न हो रहा। तब मीना रानो को युक्ति देती है कि पाठ को यदि रूचि पूर्वक खेल खेल में याद किया जाये तो उसे आसानी से याद किया जा सकता है। फिर मीना पूंछती है कि इस पाठ में तुम्हे क्या याद न हो रहा। तब रानो पढ़ कर सुनाती है कि खाने के तीन रंग सफ़ेद जैसे चावल रोटी हमें शक्ति प्रदान करते हैं पीला जैसे दाल शरीर का विकास करता है और हरा जैसे पालक व् अन्य सब्जिय हमें बिमारियों से बचातें है।
तब मीना रानो को इस पाठ को याद करने की युक्ति कुछ यूँ बताती है कि शक्ति से तुम्हे क्या याद आता है रानो। रानो कहती है भागना। मीना कहती है इससे वाक्य बना "भागने की शक्ति" रानो को यद् हो जाता है की सफ़ेद खाना जैसे चावल और रोटी हमारे शारीर को शक्ति प्रदान करते हैं।
मीना आगे पूंछती है शरीर के विकास से क्या याद आता है?रानो बताती है पहलवान चाचा।
मीना कहती है अब सोचो "पहलवान चाचा एक हाँथ में मूंग की दाल का और दूसरे हाँथ में चने की दाल का बोरा ले कर कसरत कर रहे है।"
रानो को ये बात भी समझ आ जाती है कि पीले रंग का खाना जैसे दाल हमारे शारीर का विकास करती है।
मीना आगे पूंछती है की हरे रंग से तुम्हे क्या यद् आता है तो रानो कहती है कि पेड़। मीना इस पेड़ से बताती है की अब सोचो कि पहलवान चाचा तुम्हारे पीछे पीछे भाग रहे है और तुम हरे पेड़ के पीछे छुप जाते हो पहलवान चाचा से बचने को।
रानो ये बात भी समझ जाती है कि हरे रंग का खाना जैसे पालक व अन्य हरी सब्जी हमें बीमारियों से बचाते है।
इस तरह मीना खेल खेल में पूरा पाठ रानो को याद करा देती है।
मीना,मिठ्ठू की कविता -
" मिलेगी शक्ति बढ़ोगे तुम सब, कभी न होगे बीमार।
याद रहे मजबूत खाना, तुम खाना हर बार।।
आज का गाना-
जब मैं गाऊँ साथ में तुम्हें गाना पड़ेंगा।
लेकिन पहले पूरा खाना खाना पड़ेगा।।
कितनी सुन्दर सजी है थाली रोटी चावल सब्जी डाली।
दही भी है और दाल भी देखो
ताकत भी है स्वाद भी देखो।।
ताकतवर तो खुद को बनाना पड़ेगा।
इसीलिए तो पूरा खाना खाना पड़ेगा।
आज का खेल- ‘अक्षर एक नाम अनेक’
अक्षर- "ल"
· व्यक्ति- लाला लाजपत राय(पंजाब केशरी)
· जानवर-लोमड़ी
· चीज-लोटा लकड़ी लड्डू
· स्थान-लक्षद्वीप(केंदेशासित प्रदेश)
सन्देश- “सम्पूर्ण आहार को रोज खाओ।
सेहत शक्ति और विकास पाओ।”
शिक्षा- हर तरह का खाना खाना चाहिए।
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