शिक्षक, अभिभावक और समाज के सामूहिक प्रयास से विद्यार्थियों के अंदर मानवीय गुण और होता है चरित्र का विकास
इलाहाबाद : छात्र उपस्थिति और शैक्षिक उपलब्धि का बहुत गहरा संबंध है। विद्यार्थियों के अंदर उनके चरित्र का विकास शिक्षक करता है। शिक्षक का काम व्यक्तित्व, शिक्षण पद्धति विद्यार्थियों की कक्षा में उपस्थिति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। सदनलाल सांवलदास खन्ना महिला महाविद्यालय में न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कही।
कालेज में आयोजित ‘क्लास रूम अटेंडेंस ऐन इंडीकेटर इन द रिलेवेंस आफ एजुकेशन टू लाइफ’ विषयक गोष्ठी में उन्होंने आगे कहा कि कक्षा में उपस्थिति कम होने के पीछे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों का बढ़ता रुझान है। अध्यक्षता कर रहे कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचएस धामी ने कहा कि शिक्षक, अभिभावक और समाज के सामूहिक प्रयास से विद्यार्थियों के अंदर मानवीय गुण विकसित होते हैं। तकनीकी सत्र में प्रो. सरोज पांडेय, प्रो. एसपी गुप्त, प्रो. पीसी शुक्ल, प्रो. मालविका पांडेय ने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी के दौरान चित्रकूट विकलांग विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को 11 हजार रुपये खत्री पाठशाला के अध्यक्ष हरीश चंद्र खन्ना ने दिया।
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