मिड्डे मिल में टूट गई कटोरी-चम्मच की आस : बच्चों को मिड-डे मील के लिए प्लेट, कटोरी, चम्मच की दरकार, प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा का एक मुश्त बजट कर दी जारी
√ इस साल भी नहीं हो सकेंगे यह कार्य
√ जिले के 300 स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत का काम
√ बीस फीसद स्कूलों में आज भी बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं
√ अस्सी फीसद स्कूलों में बाउंड्री नहीं, चोरी की वारदातें नहीं थमेंगी
√ बिजली विहीन ही रहेंगे स्कूल
√ न गर्मी में पंखा मिलेगा और न बरसात या ठंड में रोशनी
√ छात्रों को न बेल्ट मिलेगी और न ही टाई या आई कार्ड
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा का एक मुश्त बजट जारी कर दिया है। बच्चों को मिड-डे मील के लिए प्लेट, कटोरी, चम्मच की दरकार थी, जो नहीं मिली। बुधवार को दूध और कोफ्ता खाते थे, जिसके लिए एक रुपया भी नहीं मिला। हालांकि सरकार ने भोजन के साथ फल का जुगाड़ किया है। इसके लिए प्रदेश को 200 करोड़ रुपये मिले हैं।
निसंदेह जिले के हिस्से भी दो से तीन करोड़ रुपये आएंगे। जिले से ब्लाक कोआर्डिनेटर की तैनाती करने का प्रस्ताव गया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। न नए पद सृजित हुए और न ही मानीटरिंग के लिए कोई व्यवस्था हुई। फल के अलावा शिक्षा के क्षेत्र में जिले के हिस्से कुछ खास उपलब्धि नहीं मिली है। महानगर के सोलह वार्डो में सरकारी स्कूल का सपना भी अधूरा ही रहा।
महानगर में 16 ऐसे वार्ड हैं जहां सरकारी स्कूल नहीं है। जहां स्कूल हैं उनमें भी डेढ़ दर्जन के पास अपने भवन नहीं है। इन स्कूलों के लिए बजट में केवल झुनझुना ही मिला। अब सरकार ने अधूरे स्कूलों के लिए 20 करोड़ जारी किया तो इसका कितना जिले को मिलेगा इसकी संभावना काफी हद तक कम है।
जिले में प्राइमरी स्कूलों को नजीर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने मोहनलालगंज स्थित सरकारी स्कूल के निरीक्षण के बाद निर्देश दिया कि सभी जनपद में दो स्कूल चयनित हों। इनमें पढ़ाई अंग्रेजी से हो और यह मॉडल बने। इन स्कूलों का भी पूरा ध्यान रखते हुए 15 करोड़ आवंटित हैं। अब देखना है कि यहां के जनप्रतिनिधि ऊंट के मुंह में जीरा वाली इस रकम का कितना हिस्सा जिले को दिला पाते हैं।
शिक्षा में उम्मीदें बरकरार
माध्यमिक शिक्षा के लिए सरकार ने 300 करोड़ दिया है। ऐसे में इस साल भी एक हजार से अधिक छात्रों को तीस हजार रुपये की मदद मिल सकती है। इसके अलावा मेधावी छात्रों को इस बार भी लैपटाप मिलेगा। मण्डल मुख्यालयों पर स्थापित किये जाने वाले समाजवादी अभिनव विद्यालय में मंडल में भी ठाकुरद्वारा में एक स्कूल का संचालन किया जाना है। यहां सह शिक्षा के आधार पर छात्रवास बनेंगे।
उच्च शिक्षा में भी उम्मीदें
राजकीय कालेज की उम्मीद इस बार भी पूरी नहीं हो सकी। मंडल मुख्यालय होने के बावजूद यहां एक भी राजकीय महाविद्यालय नहीं है। जबकि प्रदेश के कई जनपदों में राजकीय महाविद्यालय या राजकीय कन्या महाविद्यालय संचालित है। इस बजट में इन महाविद्यालयों को वाई फाई से युक्त करने को बजट दिया गया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा का एक मुश्त बजट जारी कर दिया है। बच्चों को मिड-डे मील के लिए प्लेट, कटोरी, चम्मच की दरकार थी, जो नहीं मिली। बुधवार को दूध और कोफ्ता खाते थे, जिसके लिए एक रुपया भी नहीं मिला। हालांकि सरकार ने भोजन के साथ फल का जुगाड़ किया है। इसके लिए प्रदेश को 200 करोड़ रुपये मिले हैं।
डॉ.आइपीएस सोलंकी, डीआइओएस।सर्व शिक्षा अभियान के तहत बजट आवंटित है। इसके तहत तमाम कार्य करा लिए जाते हैं। मॉडल प्राइमरी स्कूल के लिए यदि यहां से प्रस्ताव मांगा गया तो हम जरूर भेजेंगे।
- मुन्ने अली, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।
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📌 मिड डे मिल में टूट गई कटोरी-चम्मच की आस : बच्चों को मिड-डे मील के लिए प्लेट, कटोरी, चम्मच की दरकार, प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा का एक मुश्त बजट कर दी जारी
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📌 मिड डे मिल में टूट गई कटोरी-चम्मच की आस : बच्चों को मिड-डे मील के लिए प्लेट, कटोरी, चम्मच की दरकार, प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा का एक मुश्त बजट कर दी जारी
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